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    फेरी लगाने वाले को थी सिपाही बनने की चाहत, भर्ती परीक्षा में बिठाया सॉल्वर… एक गलती से पकड़ा गया

    Updated: Sat, 24 Aug 2024 11:14 PM (IST)

    फिरोजाबाद में पुलिस भर्ती परीक्षा के दौरान एक सॉल्वर को गिरफ्तार किया गया है जो बिहार से आया था और कानपुर के एक परीक्षार्थी की जगह परीक्षा दे रहा था। आरोपी के पास से फर्जी आधार कार्ड और अन्य दस्तावेज बरामद किए गए हैं। उसने बताया कि उसने 3.25 लाख रुपये में सौदा किया था और 25 हजार रुपये एडवांस में मिले थे। पुलिस परीक्षार्थी की तलाश कर रही है।

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    इस्लामियां इंटर कालेज में शनिवार को पुलिस भर्ती परीक्षा देने आए परीक्षार्थियों की तलाशी लेते पुलिस कर्मी। जागरण

    जागरण संवाददाता, फिरोजाबाद। पुलिस भर्ती परीक्षा के दूसरे दिन पुलिस ने इस्लामिया इंटर कॉलेज परीक्षा केंद्र पर बिहार के सॉल्वर को गिरफ्तार किया है। वह कानपुर के परीक्षार्थी की जगह परीक्षा दे रहा था। आरोपी बिहार में कोचिंग चलाता है। उसके पास से फर्जी आधार कार्ड और अन्य दस्तावेज बरामद किए गए।

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    कानपुर नगर के डीएवी हॉस्टल सिविल लाइन निवासी ज्ञानेंद्र कुमार को सुबह पहली पाली में परीक्षा देनी थी। उसकी जगह वेदप्रकाश शाह उर्फ मुन्ना शाह निवासी पकरिया नवादा थाना सहार जनपद भोजपुर, आरा वर्तमान निवासी दानापुर, पटना परीक्षा देने आया था। 

    गेट पर चेकिंग के बाद वह परीक्षा देने बैठ गया। इस दौरान बायोमेट्रिक एवं आधार प्रमाणीकरण का रिजल्ट न मिलने (मैच न होने) पर उस पर शक गहराया। उसकी डिटेल लखनऊ भेजी गई। 

    रिपोर्ट आते ही किया गया गिरफ्तार

    केंद्र व्यवस्थापक, स्टेटिक मजिस्ट्रेट एवं पुलिस द्वारा उसके कागजातों को चेक किया गया तो वे फर्जी पाए गए। इस दौरान लखनऊ से भी उसके फर्जी होने की रिपोर्ट आने के बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। 

    वेदप्रकाश के विरुद्ध केंद्र व्यवस्थापक व इस्लामिया इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य आबाद हुसैन ने प्राथमिकी लिखवाई है। इंस्पेक्टर राजेश कुमार पांडेय ने बताया कि परीक्षार्थी की तलाश की जा रही है।

    3.25 लाख में हुआ था सौदा

    आरोपी ने पुलिस को बताया कि ज्ञानेंद्र कुमार बिहार में फेरी लगाकर कपड़े बेचता है, जबकि उसकी आरा में कोचिंग है। वह कुछ घरों में ट्यूशन भी पढ़ाता है। साढ़े तीन वर्ष पहले आरा में उन दोनों की मुलाकात हुई थी। 3.25 लाख में सौदा तय हुआ था। इसमें 25 हजार रुपये उसे एडवांस में मिल गए थे। 

    ज्ञानेंद्र अपने एक दोस्त के साथ उसे परीक्षा केंद्र के गेट तक छोड़ने आया था। उसका मोबाइल और असली आधार कार्ड ज्ञानेंद्र के पास ही है। गिरफ्तार होने की भनक लगने पर ज्ञानेंद्र और उसका साथी भाग गया।

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