मनरेगा से करोड़ों के कर्जदार हुए ग्राम पंचायत सचिव
कहीं छह महीने तो कहीं एक साल से नहीं हुआ सामग्री का भुगतान अब ग्राम पंचायत के कामों को सामान नहीं दे रहीं आपूर्तिदाता फर्में।

जागरण संवाददाता, फिरोजाबाद: मनरेगा योजना से ग्राम पंचायत सचिव करोड़ों रुपये के कर्जदार हो गए हैं। निर्माण सामग्री की आपूर्ति करने वाले रोज तगादा कर रहे हैं। कहीं छह महीने तो कहीं एक साल से भुगतान नहीं हुआ है। सचिवों के तबादले होने के बाद उन्हें रकम डूबने की चिता सताने लगी है। निर्माण सामग्री की आपूर्ति करने वाली फर्में अब ग्राम पंचायत से होने वाले कार्यों के लिए भी सामान नहीं दे रही हैं। इसका असर विकास कार्यों पर भी पड़ रहा है।
मनरेगा योजना में 60 प्रतिशत धनराशि श्रमिकों पर और 40 प्रतिशत सामग्री पर खर्च की जाती है। श्रमिकों को उनकी मजदूरी का भुगतान तो हो रहा है, लेकिन निर्माण सामग्री का भुगतान पिछले साल दिसंबर से नहीं हुआ है। फिरोजाबाद ब्लाक में तो लगभग एक साल से कोई भुगतान नहीं हुआ है। इससे सामग्री की आपूर्ति करने वाले ग्राम प्रधान और पंचायत सचिवों पर दबाव बना रहे हैं। पिछले साल हर ग्राम पंचायत में सामुदायिक शौचालय और पंचायत घर का निर्माण किया गया था। अधिकांश पंचायतों में इनका निर्माण पूरा हो चुका है, लेकिन निर्माण सामग्री देने वाली फर्मो का भुगतान अब तक नहीं हुआ है।
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बोले सचिव, तगादे से मुश्किल
ग्राम पंचायत सचिवों का कहना है कि निर्माण कार्यो के लिए ईट, बालू, गिट्टी, सरिया आदि सामग्री उधार मंगाई जाती है। एक साल से भुगतान न होने से आपूर्ति करने वाले रोज तगादा कर रहे हैं।
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पूरे प्रदेश में यही स्थिति
मनरेगा में निर्माण सामग्री के भुगतान की स्थिति पूरे प्रदेश में ऐसी ही है। अकेले आगरा मंडल में 95 करोड़ रुपये का बकाया है।
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-मंडल में जिलों पर इतना है कर्जा:
-जिला, बकाया धनराशि (करोड़ रुपये में)
-आगरा, 29.56
-फिरोजाबाद, 18.24
-मथुरा, 19.11
-मैनपुरी, 27.12
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जिले के ब्लाकों की ये है स्थिति:
-ब्लाक, बकाया धनराशि
-अरांव, 1.44
-एका, 5.35
-फिरोजाबाद, 1.95
-जसराना, 2.50
-खैरगढ़, 2.54
-मदनपुर, 0.89
-नारखी, 0.42
-शिकोहाबाद, 1.50
-टूंडला, 1.46
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मनरेगा में सभी तरह के भुगतान शासन स्तर से होते हैं। ये सही है कि पिछले कुछ महीनों से भुगतान नहीं हुआ है, लेकिन अब इसी सप्ताह से भुगतान होने की जानकारी मिली है। -अजय कुमार, उपायुक्त श्रम रोजगार
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