सड़कों का लेखा-जोखा अब ऑनलाइन, एक क्लिक पर मिलेगी पूरी जानकारी; यूपी के इस जिले में मिली खास सुविधा
फिरोजाबाद में सड़कों और उनके नीचे की पाइप लाइनों की जानकारी अब एक क्लिक पर उपलब्ध होगी। नगर निगम ऑनलाइन रोड डायरेक्टरी तैयार करा रहा है। लखनऊ की एजेंसी ने सर्वे करके शासन को रिपोर्ट सौंप दी है। इससे सड़कों के निर्माण और मरम्मत में आसानी होगी साथ ही खुदाई के दौरान लाइनों के कटने की समस्या भी कम होगी।

जागरण संवाददाता, फिरोजाबाद। रंग-बिरंगी चूड़ियों के शहर में कुल कितनी सड़कें बनी हैं, उनके नीचे कहां-कहां पाइप लाइनें बिछी हैं? इसकी जानकारी जल्द ही एक क्लिक पर सामने होगी। इसके लिए नगर निगम द्वारा आनलाइन रोड डायरेक्ट्री तैयार कराई जा रही है। लखनऊ की कार्यदायी संस्था ने सड़कों का सर्वे करने के साथ शासन को रिपोर्ट सौंप दी है।
शहर में तेजी से विकास कार्य चल रहे हैं। कार्यदायी संस्थाओं को सड़क व नाला आदि बनाने के लिए जेसीबी से सड़कों की खोदाई करानी होती है, लेकिन उनको यह जानकारी नहीं होती है कि सड़क के नीचे कहां पानी, गैस, सीवर और बिजली की लाइनें बिछी हैं।
कई बार जेसीबी से खोदाई में लाइनें कटने से लोगों की मुश्किल बढ़ जाती है। अक्सर पार्षद जनता की परेशानी का बहाना बना कर दो-चार वर्ष पहले बनी सड़कों को दोबारा बनाने के लिए प्रस्ताव पास करा देते हैं, जिससे सरकारी धन की भी बर्बादी होती है।
प्रदेश सरकार प्रथम चरण में सभी नगर निगम वाले शहरों की रोड डायरेक्ट्री तैयार करा रही है। फिरोजाबाद नगर निगम का सर्वे कराने के लिए लखनऊ की रिमोट सेसिंग एजेंसी को नामित किया गया है। गत माह एजेंसी के सदस्य शुभम सिंह के नेतृत्व में टीम ने निर्माण विभाग के अधिकारियों के साथ शहर की सड़कों का सर्वे किया था। इसमें प्रत्येक सड़क को एक नंबर भी दिया जाएगा, साथ ही यह भी अंकित होगा कि यह सड़क कितने वर्ष पहले बनी थी।
सरकार का यह है उद्देश्य
रोड डायरेक्ट्री बनने के बाद अधिकारी अपने कार्यालय में बैठ कर यह पत्ता लगा सकेंगे कि कौन सी सड़क कब और कैसे बनी? वर्तमान में उस सड़क की हालत क्या है। डायरेक्ट्री में यह भी अंकित होगा कि सड़क का कितने वर्षों में जीर्णोद्धार किया जा सकता है। इसी के आधार पर सड़कें बनाने का निर्णय होगा।
लखनऊ की एजेंसी के माध्यम से आनलाइन रोड डायरेक्ट्री तैयार कराई जा रही है। एजेंसी ने सर्वे करने के बाद शासन को रिपोर्ट सौंप दी है। शासन से सर्वे रिपोर्ट स्वीकृत होने के बाद यह आसानी से पता चल जाएगा कि पूरे शहर में कितनी सड़कें हैं और कब-कब बनी हैं। उनके नीचे बिछी लाइनों की जानकारी भी आसानी से होगी। - मनीष कुमार सिंह, मुख्य अभियंता निर्माण विभाग
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।