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    Firozabad News: मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना में 71 लाख रुपये का घोटाला, 6 आरोपितों के लिए जाएंगे बयान

    Updated: Wed, 17 Sep 2025 12:53 PM (IST)

    फिरोजाबाद में मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना में 71.50 लाख रुपये का घोटाला सामने आया है। यूको बैंक के शाखा प्रबंधक समेत छह लोगों पर प्राथमिकी दर्ज की गई है। आरोप है कि लाभार्थियों की सब्सिडी फर्जी खातों में भेजी गई। पुलिस जांच कर रही है और निदेशालय ने कमेटी गठित की है जिससे विभाग में हड़कंप है।

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    मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना में सामने आया था घाेटाला।

    जागरण संवाददाता, फिरोजाबाद। मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना (एमवाइएसवाइ) में 71.50 लाख के सब्सिडी घोटाले में यूको बैंक के शाखा प्रबंधक, फील्ड मैनेजर सहित छह लोगों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज होने के बाद पुलिस जांच में जुट गई है। इसमें उद्योग विभाग के एक सेवानिवृत्त प्रधान सहायक सहित प्राइवेट कर्मचारी को भी नामजद किया गया है। इन सभी के बयान भी दर्ज किए जाएंगे।

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    रानीवाला कंपाउंड स्थित यूको बैंक शाखा वित्तीय वर्ष 2023-24 में चार और वित्तीय वर्ष 2024-25 में 16 लाभार्थियों के ऋण स्वीकृत किए गए। शाखा प्रबंधक द्वारा उपलब्ध कराए दो फर्जी खाते में इन 20 लाभार्थियों की 71.50 लाख सब्सिडी भेजी गई।

    डीएम के निर्देश बैंक शाखा प्रबंधक सहित छह पर दर्ज हुई है प्राथमिकी

    उपायुक्त उद्योग संध्या ने सब्सिडी की धनराशि लाभार्थियों के खाते में न पहुंचने पर डीएम से लिखित शिकायत की थी। डीएम रमेश रंजन के निर्देश पर सहायक आयुक्त उद्योग गणेश चंद्र ने 10 सितंबर को शाखा प्रबंधक सहित छह लोगों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई है।

    इसमें बैंक के तत्कालीन शाखा प्रबंधक प्रवेंद्र कर्दम, तत्कालीन फील्ड आफिसर धीरेंद्र प्रताप सिंह, बैंक के ही रिकवरी एजेंट सौरभ गुप्ता, उसके साथी दीपांशु तिवारी, उद्योग विभाग के सेवानिवृत्त प्रधान सहायक राजेश कुमार सक्सेना और प्राइवेट कर्मचारी राजेश कुमार के नाम शामिल हैं। थाना उत्तर प्रभारी संजुल पांडेय ने बताया कि सब्सिडी घोटाले की जांच शुरू कर दी है। इसमें आरोपितों के बयान दर्ज करने के बाद अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।

    रिकवरी एजेंट सहित प्राइवेट कर्मचारी हुए गायब 

    इधर लाखों का घोटाला करने के बाद उद्योग विभाग में कार्यरत प्राइवेट कर्मचारी राजेश, बैंक का रिकवरी एजेंट सौरभ गुप्ता और उसका साथी दीपांशु तिवारी फोन बंद कर गायब हो गए हैं। पुलिस की कार्रवाई के लिए बचने के लिए सेवानिवृत्त प्रधान सहायक द्वारा एक अधिवक्ता के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका भी दाखिल की जा रही है।

    कमेटी गठित होने से विभागीय अधिकारियों की उड़ी नींद

    सब्सिडी घोटाले का मामला उद्योग निदेशालय तक पहुंच गया है। निदेशालय स्तर से मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित की गई है। इसमें संयुक्त आयुक्त उद्योग मुख्यालय कानपुर सुनील कुमार, संयुक्त आयुक्त उद्योग आगरा अनुज कुमार, मुख्यालय सहायक आदित्यनाथ झा को शामिल किया है। अपर आयुक्त उद्योग राजकुमार यादव ने कमेटी को एक सप्ताह में रिपोर्ट उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। कमेटी में शामिल अधिकारियों ने घोटाले से संबंधित सभी पत्रावलियां तलब कर ली हैं, जिससे विभागीय अधिकारी, कर्मचारियों की नींद उड़ गई है।