Yamuna Water Lavel: फिरोजाबाद में यमुना का जलस्तर बढ़ा, घाट डूबे और फसलों में पानी भरा
फिरोजाबाद में यमुना का जलस्तर बढ़ गया है जिससे सोफीपुर और टूंडला के घाट डूब गए हैं। यमुना खतरे के निशान से एक मीटर नीचे बह रही है जिससे किसानों की फसलें डूबने की कगार पर हैं। एसडीएम ने यमुना घाटों का निरीक्षण किया और किसानों को सुरक्षित रहने की सलाह दी है। प्रभावित किसानों ने पशुओं को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया।

जागरण टीम, फिरोजाबाद। उत्तराखंड में हो रही निरंतर वर्षा और बैराजों से छोड़े जा रहे पानी का असर अब यमुना के जलस्तर पर साफ दिख रहा है। रविवार को सोफीपुर क्षेत्र में जलस्तर बढ़ने के कारण पसीने वाले हनुमान मंदिर के निकट और गुंदाऊ में घाट डूब गए। वहीं टूंडला के नगला सिंघी क्षेत्र में यमुना का जलस्तर दो फीट और बढ़ गया। इससे तटवर्ती गांवों में किसानों की चिंताएं बढ़ गई हैं। यमुना अब खतरे के निशान से एक मीटर नीचे बह रही है।
सदर तहसील क्षेत्र में यमुना का पानी बहता है, जो फतेहाबाद पुल से होते हुए पसीना वाले हनुमान मंदिर होते हुए आगे की ओर बहती है। पिछले कई माह से निरंतर वर्षा होने से यमुना का जलस्तर धीरे-धीरे बढ़ता जा रहा है, जिससे यमुना के आसपास रहने वाले लोगों की मुश्किल बढ़ती जा रही है।
सोफीपुर तेजी से पानी का स्तर बढ़ने से ग्रामीणों की बढ़ी मुश्किल
एसडीएम सदर सत्येंद्र सिंह ने बताया कि बैराजों से छोड़े जाने और शनिवार रात से निरंतर वर्षा होने से यमुना का जलस्तर बढ़ गया है। सोमवार को लेखपालों के साथ सभी यमुना घाटों का निरीक्षण किया। वहीं सिंचाई खंड के एक्सईएन ने बताया कि रविवार को यमुना का जलस्तर बढ़कर 151.18 मीटर तक पहुंच गया है। जबकि जबकि यमुना में खतरे का स्तर 152.130 मीटर है।
यमुना किनारे बसे गांवों के खेतों में डूबी फसलें
टूंडला के नगला सिंघी क्षेत्र में यमुना किनारे बसे गांवों के खेतों में पानी घुसने से फसलों को नुकसान पहुंच रहा है। किसानों का कहना है कि पहले से ही तीन-चार बार पानी भर जाने से बाजरा, तिल, मक्का और ज्वार की फसलें प्रभावित हुई हैं, अब जलस्तर में और वृद्धि होने से शेष फसलें भी डूबने के कगार पर हैं।
नगला सिंघी में खतरे के निशान से एक मीटर नीचे बह रही यमुना
किसानों ने बताया कि पानी बढ़ने से खेतों में जाना मुश्किल हो गया है और पशुओं को भी सुरक्षित स्थानों पर ले जाने की चुनौती सामने आ रही है। एसडीएम अनुराधा सिंह का कहना है कि अभी यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से एक मीटर नीचे है।
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