कुल्फी और आलू टिक्की का ब्रांड टूंडला का 'हीरालाल'
शहर से लोग जाते हैं टिक्की और कुल्फी खाने पैक करवाकर ले जाते हैं दिल्ली और कानपुर तक के लोग।
ये स्वाद कुछ खास है। सर्दी हो या गर्मी या फिर बरसात, अगर आपने हीरालाल की कुल्फी नहीं खाई तो फिर क्या खाया। कुल्फी और आलू टिक्की हर जगह मिलती है, लेकिन यहां का स्वाद कुछ अलग है। सुबह से कुल्फी और दोपहर से आलू टिक्की। टूंडला में हीरालाल की कुल्फी और आलू की टिक्की फिरोजाबाद के खानपान की पहचान बन चुकी हैं। शहर से लोग यहां टिक्की और कुल्फी खाने जाते हैं तो यहां से गुजरने वाले दिल्ली और कानपुर तक के लोग कुल्फी पैक करवाकर ले जाते हैं तो टिक्की का यहीं आनंद उठाते हैं।
आगरा-कानपुर हाईवे पर जिले का पहला बड़ा कस्बा टूंडला है। यहां बस स्टैंड पर हीरा लाल की कुल्फी लगभग दो दशक पुरानी है। कागज में लिपटी कुल्फी दस और बीस रुपये की बिकती है। देशी अंदाज में बनने वाली कुल्फी में दूध और मलाई का स्वाद खास है। जितना कुल्फी का स्वाद अलग है उतनी ही पैकिग है। कुल्फी पैक कराने वालों से पूछा जाता है कि कितनी दूर ले जाना है। इसके बाद पालीथिन की थैली में कूटकर दूरी के हिसाब से बर्फ भरी जाती है और उसके बीच कुल्फी का दोना रखा जाता है। कुल्फी से मशहूर हुए हीरालाल ने छह साल पहले आलू टिक्की की स्टाल शुरू की। शुद्ध देसी घी में तली गई आलू टिक्की को मिट्टी के सकोरे में दिया जाता है। इसके ऊपर से सूखे छोले, फ्रेश पनीर के टुकड़े और कद्दूकश अदरक और कटा हुआ धनिया के साथ खट्टी मीठी चटनी इसका स्वाद लाजवाब बनाती है। 45 रुपये की देशी घी की टिक्की की बड़ी डिमांड है। फिरोजाबाद कोटला रोड निवासी दिनेश चंद्र कहते हैं कि जब भी कुल्फी खाने का मन करे तो टूंडला चले जाते हैं। खुद खाते हैं और परिवार के लिए पैक करा लाते हैं।
पार्टियों की स्पेशल है कुल्फी. हीरालाल की कुल्फी शहर के रईसों के अलावा अधिकारियों की पार्टियों में भी कुल्फी खास डिश के रूप में परोसी जाती है। हीरालाल कहते हैं कि हमारी क्वालिटी ने ही हमें ब्रांड बनाया है। हमारे ग्राहक सालों पुराने हैं जो दूर-दूर से खाने आते हैं।
डा.राहुल सिघई
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