Updated: Tue, 30 Sep 2025 06:52 PM (IST)
फिरोजाबाद में निलंबित सिपाही ने दो जनसेवा केंद्र संचालकों से 80 हजार रुपये की ठगी की। पुलिस उसकी तलाश में कई जिलों में दबिश दे चुकी है पर वह अभी भी फरार है। सिपाही ने खुद को एसओजी का बताकर ऑनलाइन पैसे ट्रांसफर करवाए थे। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और उसकी तलाश जारी है।
जागरण संवाददाता, फिरोजाबाद। दो जनसेवा केंद्र संचालकों को वर्दी का रौब दिखाकर 80 हजार रुपये की ठगी करने का आरोपित निलंबित सिपाही अब तक पुलिस की पकड़ से दूर है। रामगढ़ और थाना उत्तर पुलिस ने उसकी तलाश में हाथरस, फर्रूखाबाद, इटावा और मैनपुरी जिले में दबिश दे चुकी है, लेकिन कुछ पता नहीं चला।
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स्वजन से पूछताछ में पता चला कि वह उनसे भी ज्यादा संपर्क नहीं रखता है। आरोपित सिपाही की तैनाती हाथरस में थी, लेकिन वह निलंबित चल रहा था। थाना उत्तर से सौ मीटर की दूरी पर स्थित जनसेवा केंद्र संचालक दीपक गुप्ता से सिपाही गजेंद्र सिंह ने अपने मोबाइल पर 20 हजार रुपये स्थानांतरित करा लिए।
रकम खाते में आने के बाद यह कहकर चला गया कि उसका एक साथी आ रहा है, उससे पैसे लाकर देगा। उसने खुद को थाना दक्षिण एसओजी टीम का सिपाही बताया था। एक घंटे बाद उसने रामगढ़ में रैपुरा रोड पर जनसेवा केंद्र संचालक राकेश कुमार से खुद को एसओजी का सिपाही बताकर तीन बार में कुल 60 हजार रुपये आनलाइन खाते में डलवा लिए थे। इसके बाद गायब हो गया था।
दोनों मामलों में प्राथमिकी दर्ज की गई। ठगी का आरोपित सिपाही गजेंद्र सिंह मूलरूप से इटावा का रहने वाला है। एसपी सिटी रविशंकर प्रसाद ने बताया कि आरोपित की तलाश में संभावित ठिकानों पर दबिश दी गई लेकिन अभी पकड़ में नहीं आया। उसकी तलाश में पुलिस टीम लगी है। जल्द ही पकड़ लिया जाएगा।
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