Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    घूसखोरी में फिरोजाबाद की वीडीओ ज्योत्सना निलंबित, पीएम आवास योजना में 5 हजार की रिश्वत में कार्रवाई

    Updated: Sun, 09 Nov 2025 01:10 PM (IST)

    फिरोजाबाद में वीडीओ पर रिश्वत लेकर अपात्र को पीएम आवास आवंटित करने का आरोप लगा। जांच में आरोप सही पाए जाने पर वीडीओ को निलंबित कर दिया गया। वहीं, डीपीआरओ कार्यालय के बाबू को हाईकोर्ट के आदेश का पालन न करने पर निलंबित किया गया। बाबू पर आदेश तामील करने में देरी का आरोप है।

    Hero Image

    सांकेतिक तस्वीर।

    जागरण संवाददाता, फिरोजाबाद। रिश्वत में पांच हजार रुपये मिले तो ग्राम विकास अधिकारी (वीडीओ) ने अपात्र को प्रधानमंत्री आवास आवंटित कर दिया। जांच अधिकारी के सामने भी अपात्र ने रुपये लेने की बात कही तो वीडीओ चुप्पी साधे रहीं। जिसे उनकी मौन स्वीकृति मानते हुए निलंबित कर दिया गया।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

     

    सदर ब्लॉक की ग्राम पंचायत अली नगर का मामला, डीएम ने संज्ञान लिया

     

    मामला सदर ब्लाक की ग्राम पंचायत अली नगर कैंजरा में शामिल गांव नगला शाला का है। डीएम रमेश रंजन के पास यहां वीडीओ द्वारा रिश्वत लेकर अपात्रों को लाभ देने की शिकायत मिली थी। उन्होंने जिला ग्राम्य विकास अभिकरण के परियोजना निदेशक (पीडी) को जांच के लिए भेजा। दो दिन चली जांच पड़ताल के दौरान उन्होंने पात्रों की सूची में शामिल लाभार्थियों के बयान लिए। इस दौरान लाभार्थी टीटू ने पांच हजार रुपये लेने का आरोप दोहराया।

     

    पांच हजार रुपये लेकर अपात्र को आवंटित कर दिया पीएम आवास

     

    इस दौरान वीडीओ ज्योत्सना भी वहां उपस्थित थीं। उन्होंने रुपये लेने के आरोपों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं की। जांच के दौरान पता चला कि टीटू पात्र नहीं है, फिर भी उसका नाम लाभार्थियों की सूची में शामिल किया गया है। इस पर पीडी सुभाष चंद्र त्रिपाठी ने वीडीओ को निलंबित कर दिया।

     

    डीपीआरओ कार्यालय का बाबू निलंबित

     

    हाईकोर्ट के एक आदेश का समय से पालन न करने पर डीपीआरओ एवं एडीएम नमामि गंगे मोहन लाल गुप्ता ने कार्यालय के बाबू अश्वनी कुमार को निलंबित कर दिया है। इस मामले में शासन ने डीपीआरओ से स्पष्टीकरण मांग लिया था। प्रकरण नारखी ब्लाक के सहायक विकास अधिकारी पंचायत से जुड़ा है।

    हाईकोर्ट के एक आदेश पर निदेशक पंचायती राज ने आदेश पत्र जारी किए था, जो एडीओ को तामील किया जाना था, जो बाबू ने एक महीने 10 दिन बाद तामील कराया। जिससे एडीओ ने हाईकोर्ट में अवमानना के केस दायर कर दिया। डीपीआरओ ने बताया कि बाबू को आदेश पत्र अनावश्यक रूप से विलंब से तामील कराने पर निलंबित किया गया है।