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    फीरोजाबाद शहर की बदनाम गली के गुनहगार को अदालत ने सुनाई उम्रकैद की सजा

    By JagranEdited By:
    Updated: Tue, 19 Jan 2021 05:06 AM (IST)

    बस स्टैंड के पास बस्ती की राधा गली में चलता था जिस्म फरोशी का अड्डा भागी छत्तीसगढ़ की किशोरी ने कराया था मुकदमा संचालिका के बेटे को हुई सजा।

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    फीरोजाबाद शहर की बदनाम गली के गुनहगार को अदालत ने सुनाई उम्रकैद की सजा

    जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद: शहर की बदनाम गली के गुनहगार को कोर्ट ने कड़ी सजा सुनाई। तीन दशक तक चले जिस्म फरोशी के अड्डे पर नाबालिग लड़कियों को झोंक दिया जाता था। मंडी की संचालिका के नाम पर पहचान राधा गली हो गई। चार साल पहले किसी तरह भागी छत्तीसगढ़ की किशोरी ने मुकदमा दर्ज कराया। संचालिका के बेटे को अदालत ने दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई, जबकि मुकदमे के अन्य आरोपित अब भी फरार हैं।

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    बस स्टैंड के पास गली के चार घरों में जिस्म फरोशी का धंधा होता था। यहां राजस्थान के आसपास से लड़कियां लाई जाती थी। बस्ती वालों ने गली से दूरी बनाने के लिए दीवारें तक खड़ी कर दीं, लेकिन इस पर स्थाई रोक नहीं लग पाई। 30 दिसंबर 2016 को छत्तीसगढ़ के बारापुरा की रहने वाली पीड़िता ने मानव तस्करी, दुष्कर्म, पाक्सो एक्ट, अनैतिक देह व्यापार निवारण अधि. समेत अन्य धाराओं में लाला उर्फ सुशील समेत अन्य के खिलाफ दक्षिण थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया था। पीड़िता की व्यथा दर्द भरी थी। उसने बताया कि 26 जनवरी को स्कूल जाते समय उसे एक औरत ने अगवा किया और फिर धौलपुर में बेचा, जहां से कई शहर होते हुए वह राधा गली भेज दी गई। यहां संचालिका राधा के तीन बेटे लाला विशाल और रजनेश उसके साथ दुष्कर्म करते और जबरन वेश्यावृत्ति कराते थे। उसके जैसी दो पीड़िताएं और थीं, जिनमें से एक छत्तीसगढ़ की थी, जबकि तीसरी को अपना घर ही याद नहीं था। तीनों किसी तरह राधा गली से भागकर टूंडला रेलवे स्टेशन पहुंच गई। वहां से पुलिस उन्हें थाने लेकर आई।

    न्यायालय अपर सत्र न्यायाधीश मृदुल दुबे ने कड़ी टिप्पणी करते हुए लाला को दोषी करार देते हुए मानव तस्करी और पाक्सो एक्ट में अलग-अलग आजीवन कारावास की सजा सुनाई। इसके साथ ही अन्य पांच धाराओं में सजा सुनाई है। सभी सजाएं एक साथ चलेगी। अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता अजमोद सिंह चौहान ने की। राधा रानी समेत 11 अब भी हैं फरार

    चार साल पुराने मामले में जिस्म फरोशी के अड्डे की संचालिका राधा रानी, उसके दो बेटे विशाल और रजनेश, आकाश, सरोज, प्रीति, कृष्णा, श्यामबाबू, छम्मो, सेठानी, ज्योति और कंचन अब भी फरार हैं। पुलिस इनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर चुकी हैं, लेकिन इनका कोई पता नहीं चला है।

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    चार घरों पर लगी है पुलिस की सील

    2016 के इस मामले में हुई कार्रवाई में राधा रानी के ठिकाने को सील कर दिया गया था। जिस्म फरोशी के ठिकाने बने चार घरों पर पुलिस ने सील लगा दी, जो आज तक लगी हुई है।