पड़ोसी ने किशोरी से किया था दुष्कर्म, कोर्ट ने दी आखिरी सांस तक जेल में रहने की सजा
फिरोजाबाद में, एक अदालत ने एक किशोरी के साथ सामूहिक दुष्कर्म के दोषी पड़ोसी अंकित कुमार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई और 40,000 रुपये का जुर्माना लगाया। जुर्माना न भरने पर अतिरिक्त सजा होगी। एक अन्य मामले में, गैंगस्टर एक्ट के तहत मेरठ में कैराना के दोषी दिलशाद को भी सजा सुनाई गई। यह फैसला पाक्सो एक्ट के तहत विशेष न्यायाधीश की अदालत ने सुनाया।

प्रतीकात्मक चित्र।
जागरण संवाददाता, फिरोजाबाद। किशोरी से सामूहिक दुष्कर्म करने के मामले में दोषी पड़ोसी को अंतिम सांस तक का कारावास और 40 हजार रुपये के अर्थदंड से शुक्रवार को न्यायालय ने दंडित किया। अर्थदंड जमा न करने पर छह माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।
घटना लाइनपार थाना क्षेत्र के गांव में तीन जून 2024 को दोपहर दो बजे हुई थी। पीड़िता ने पुलिस को सूचना दी थी कि वह अपने घर की तरफ जा रही थी। तभी पड़ोसी किशोर ने अभद्र टिप्पणी करते हुए हाथ पकड़ लिया।
उसे जबरन खींचकर घर के अंदर ले गया। जहां उसका भाई अंकित उपस्थित था। दोनाें ने सामूहिक दुष्कर्म किया था। घर पहुंच कर किशोरी ने घटना की जानकारी स्वजन को दी।
पुलिस ने छेड़खानी, पाक्सो एक्ट समेत अन्य धाराओं में प्राथमिकी दर्ज की थी। विवेचना के दौरान किशोरी के बयान और मेडिकल के बाद सामूहिक दुष्कर्म की धारा बढ़ाई गई। विवेचक ने अंकित के विरुद्ध गैंगरेप समेत अन्य धाराओं में आरोप पत्र न्यायालय ने में दाखिल किया।
मामले की सुनवाई न्यायालय विशेष न्यायाधीश (पाक्सो एक्ट) एवं अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश मुमताज अली की कोर्ट में हुई। अभियोजन की तरफ से एडीजीसी क्राइम अवधेश भारद्वाज ने पक्ष रखा।
न्यायालय दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्क, साक्ष्य एवं गवाहों के बयान के आधार पर अंकित कुमार को दोषी पाया। उसे अंतिम सांस तक कारावास और 40 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है।
गैंग्स्टर एक्ट में दोषी को छह वर्ष की सजा
न्यायालय ने गैंग्स्टर एक्ट के मामले में दोषी को छह वर्ष 10 माह की सजा और 20 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है। मामला सिरसागंज थाने में 12 वर्ष पूर्व का है।
सिरसागंज थाने में 2013 में हाजी उर्फ मुहम्मद इमाम उर्फ दिलशाद उर्फ राजू निवासी आलकलां थाना कैराना जनपद शामली
के विरुद्ध गैंग्स्टर एक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
जांच के बाद विवेचक ने न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया। मामले की सुनवाई विशेष न्यायाधीश (गैंग्स्टर एक्ट) एवं अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट संख्या-नौ की न्यायाधीश अर्चना गुप्ता की कोर्ट में हुई।
अभियोजन की तरफ से एडीजीसी मुरारी लाल ने पक्ष रखा। न्यायालय ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्क, साक्ष्य एवं गवाहों के बयान के आधार पर दिलशाद को दोषी पाया। उसे छह वर्ष 10 माह का कारावास एवं 20 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया गया।

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