तंगी में बंदिशों के बीच शादी के बंधन की मजबूरी
चिश्ती नगर में रहने वाले अनवर ने लॉकडाउन से पहले ही बेटे और बेटी की शादी तय कर दी थी।
-कम खर्चे के कारण लॉकडाउन में शादी की अनुमति मांग रहे लोग
-कुछ को आगे नहीं मिल रहा मुहूर्त, कुछ के सामने हैं दूसरी मजबूरियां
जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद: चिश्ती नगर में रहने वाले अनवर ने लॉकडाउन से पहले ही बेटे और बेटी की शादी तय कर दी थी। बेटी की बरात एक जून को जाएगी और बेटी की दो तारीख को आगरा से आएगी। लॉकडाउन खत्म या न हो, वह शादी टालना नहीं चाहते। अनुमति के लिए सदर तहसील में आवेदन कर दिया है। कारखाना श्रमिक अनवर का कहना है कि शादी के लिए जो पैसा इकट्ठा करके रखा था। उसका काफी हिस्सा 55 दिनों की बेरोजगारी में घर का खर्च पूरा करने में खत्म हो गया। शादी आगे ले भी जाएं तो कोई फायदा नहीं है। बेहतर यही है कि 20 मेहमानों की बंदिश में ही शादी कर लें। इससे कम खर्चे में दोनों शादियां निपट जाएंगी।
कोहिनूर रोड में रहने वाले मो. आसिफ की भी यही कहानी है। उनके बेटे की शादी 10 अप्रैल तय हुई थी, जो लॉकडाउन के कारण उन्होंने टाल दी थी। बरात आगरा के शमशाबाद जानी है। बोले अब लॉकडाउन खुलने का इंतजार नहीं करेंगे। ईद के बाद 10 बरातियों को ले जाकर निकाह करा लाएंगे। अभी कम खर्चे और बिना किसी तामझाम के शादी हो जाएगी। घर और बाजार में तंगी का जो आलम है उसे सुधरने में लंबा वक्त लगेगा। खेड़ा मुहल्ला में रहने वाली फूल श्री की यहां परिस्थितियां कुछ अलग हैं। वह अपने बेटे को साथ लेकर शादी की अनुमति मांगने 21 मई को तहसील गई थीं। उन्होंने बताया कि अक्टूबर में बेटे की शादी तय की थी। बरात 26 अप्रैल को जानी थी, लेकिन लॉकडाउन के कारण शादी एक महीने टाल दी। सोचा था धूमधाम से शादी करेंगी। मगर ऐसा नहीं हो सका।
लॉकडाउन 31 मई तक बढ़ गया है। एक तरफ लड़की वाले दबाव बना रहे हैं। शादी का दूसरा मुहूर्त इस साल निकल नहीं रहा। दूसरा उनकी तबियत भी खराब रहती है। इसलिए अब लॉकडाउन के बीच में ही शादी करेंगी। घर में बहू आ जाएगी तो वो भी चैन से रहेंगी। ----
अनुमति की ऑफलाइन व्यवस्था खत्म ऑनलाइन करें आवेदन जिले के अंदर शादी समारोह के लिए तहसीलों से और दूसरे जिले में बरात ले जाने के लिए जिला मुख्यालय से अनुमति दी जा रही है। पहले इसके लिए ऑफलाइन व्यवस्था की गई थी, लेकिन अब इसे ऑनलाइन कर दिया गया है। एसडीएम सदर राजेश वर्मा ने बताया कि शादी की अनुमति के लिए अब किसी को तहसील तक आने की जरूरत नहीं है। वे 'ई पास यूपी' पर घर बैठे ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। आवेदन के साथ आयोजन में शामिल होने वालों का ब्यौरा भी देना होगा। तहसील में अब तक ऑफलाइन जितने भी आवेदन आए थे, उनमें अनुमति जारी कर दी गई है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।