पांचवी कक्षा के छात्र ने घर में फंदा लगाकर की आत्महत्या, खिड़की से शव लटकता देखा तो गांव वालों ने पुलिस बुलाई
फिरोजाबाद में एक पांचवीं कक्षा के छात्र ने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। ग्रामीणों ने शव देखकर पुलिस को सूचना दी। मृतक छात्र अपने पिता के साथ रहता था उसकी मां 12 साल पहले उन्हें छोड़ गयी थी। दुख की बात है कि उसकी बड़ी बहन ने भी पहले आत्महत्या की थी। पुलिस आत्महत्या के कारणों की जांच कर रही है।

संस, जागरण.एका (फिरोजाबाद)। घर में अकेले पांचवी के छात्र ने सोमवार शाम खुद को कमरे में बंद कर फंदे से लटककर जान दे दी। ग्रामीणों ने खिड़की से शव लटका देखा तो पुलिस का सूचना दी। आत्महत्या की वजह रात तक स्पष्ट नहीं हो सकी। घर पिता-पुत्र ही रहते थे। पिता सुबह किसी रिश्तेदार में गया था। उसकी बड़ी बहन ने भी आत्महत्या की थी।
मामला धर्मपुर मुहल्ले का है। खेती और मजदूरी करने वाला नेकसे लाल शराब पीने का आदी है। उसकी इसी आदत से तंग आकर पत्नी 12 वर्ष पूर्व अपने दो माह के बेटे भूरा उर्फ गुड्डा और एक बेटी को छोड़कर चली गई थी।
धर्मपुर मुहल्ले में सोमवार शाम सात बजे की घटना
बेटी पांच-छह वर्ष पहले फंदे से लटक कर आत्महत्या कर ली थी। भूरा अब पांचवीं कक्षा का छात्र था। वह पिता के साथ रहता था। घर में परचूनी की छोटी सी दुकान है। सोमवार सुबह नेकसे लाल किसी रिश्तेदारी में गया था। वह फोन नहीं रखता है। शाम सात बजे दुकान बंद देख ग्रामीणों ने भूरा को आवाज लगाई तो कोई जवाब नहीं आया। खिड़की से झांक कर देखा तो उसका शव फंदे से लटका हुआ था। इसके बाद ग्रामीणों की भीड़ जुट गई। उसका शव उतार कर पुलिस को सूचना दी।
जन्म के कुछ माह बाद ही छोड़कर चली गई थी मां
ग्रामीणों में चर्चा थी कि ऑनलाइन गेम में रुपये गंवाने पर उसने आत्महत्या की है, लेकिन पुलिस की जांच में पता चला कि उसके पास मोबाइल नहीं था। इंस्पेक्टर अनिल कुमार सिंह ने बताया कि आशंका है कि पिता ने किसी बात को लेकर डांटा हो। इसी वजह से उसने ऐसा कदम उठाया। पिता के आने के बाद ही मामला स्पष्ट होगा। इंस्पेक्टर ने ग्रामीणों के हवाले से बताया कि पांच-छह वर्ष पहले उसकी बड़ी बहन ने भी फंदे से लटक कर आत्महत्या की थी।
अभाव और हीनभाव में उठाते हैं ऐसा कदम
मेडिकल कॉलेज अस्पताल की मनोरोग विभागाध्यक्ष डॉक्टर अरुशिखा का कहना है कि बच्चे इस तरह के आत्मघाती कदम कई कारणों से उठाते हैं। पहली बात तो ये है कि मां जैसा प्यार और दुलार अन्य कोई नहीं दे सकता। इससे वंचित बच्चे दूसरों पर गुस्सा करते हैं। कई बार स्वयं को नुकसान पहुंचाने का प्रयास करते हैं। प्यार का अभाव और हीनभावना से ग्रसित होना भी एक कारण है। ये भी तय है कि बच्चे ने आत्महत्या के बारे में पहले कहीं न कहीं कुछ देखा या सुना होगा।
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