CAA protest In UP : सुहागनगरी में चमत्कार : बुलेट प्रूफ जैकेट पार कर पर्स में धंसी गोली, बची सिपाही की जान
CAA protest In UP जुमा की नमाज के बाद बवाल में दहशतगर्दों ने कोई कसर नहीं छोड़ी। एसएसपी के हमराह को इस अंदाज में गोली मारी कि बुलेटप्रूफ जैकेट की सुरक्षा भी टूट गई।
फिरोजाबाद [कार्तिकेय नाथ द्विवेदी]। नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में सुहागनगरी फिरोजाबाद में भी जमकर बवाल हुआ। शहर के साथ कस्बा भी उपद्रवियों के शिकंजे में था। पथराव के साथ फायरिंग ने पुलिस को लगभग बैकफुट पर कर दिया थी। इसी दौरान किसी उपद्रवी की गोली एसएसपी के हमराह को लगी। गोली बुलेट प्रूफ जैकेट को भी पार गई थी, लेकिन पर्स ने विजेंद्र की पत्नी का सुहाग उजडऩे से बचा लिया। अब लोग इसको चमत्कार मान रहे हैं।
फिरोजाबाद में शुक्रवार को जुमा की नमाज के बाद बवाल में दहशतगर्दों ने कोई कसर नहीं छोड़ी। एसएसपी के हमराह को इस अंदाज में गोली मारी कि बुलेटप्रूफ जैकेट की सुरक्षा भी टूट गई। मगर कहते हैं कि जाको राखे साइयां, मार सके न कोय। कांस्टेबल विजेंद्र ने मौत पर इस तरह विजय पाई कि लोग सुबूत देखकर हैरान रह गए। साई और भोले बाबा की तस्वीर वाले पर्स में जाकर गोली फंस गई।
हाथरस के सुल्तानपुर के रहने वाले 34 वर्षीय कांस्टेबिल विजेंद्र सिंह पांच वर्ष से फीरोजाबाद में तैनात हैं। इन दिनों एसएसपी के हमराह हैं। नालबंद में जब पथराव के साथ बवाल हुआ तो वह एसएसपी सचिंद्र पटेल के साथ थे। बुलेटप्रूफ जैकेट के साथ हेलमेट भी पहने थे। वहां पर बवाल के दौरान हो रही फायरिंग से अफरातफरी मची थी। नालबंद का बवाल काबू में आने के बाद विजेंद्र पूरी रात एसएसपी पटेल के साथ रहे।
शनिवार जब वह घर पहुंचे तो देखा कि बुलेटप्रूफ जैकेट का दाहिनी तरफ का हिस्सा फटा हुआ था। उन्होंने जैकेट उतारकर देखा तो अंदर पहने जैकेट में छेद था। जैकेट की जेब में रखे पर्स को निकालकर देखा तो उसमें गोली फंसी हुई थी। गोली पर्स में रखी साईंबाबा, भोले बाबा की फाइबर मैटल की एटीएम कार्ड आकार की तस्वीर के साथ चार एटीएम कार्ड को भी चीर चुकी थी। गोली देखकर विजेंद्र के पसीने छूट गए। इसके बाद उन्होंने एसएसपी को घटना की जानकारी दी। इसके बाद पूरे दिन यह घटना चर्चा का विषय रही।
पर्स गिर न पड़े इस कारण जैकेट की जेब में रखा
सिपाही विजेन्द्र हमेशा पर्स को पेंट की जेब में रखता है। बवाल को देख उसने सोचा पर्स गिर नहीं जाए। उसने तुरंत ही पर्स को जैकेट में रख लिया। जो उसका जीवन रक्षक बन गया। उसे क्या पता था कि उसने अपना जीवन बचाने को पर्स जैकेट की जेब में रखा है।
मुझे तो साईनाथ ने बचा लिया
विजेंद्र का कहना है कि मैं तो बवाल में साहब के साथ फंसा था। गोली कब आई और कैसे लग गई, एहसास ही नहीं हुआ। भागमभाग के चलते इतना समय ही नहीं मिला कि कुछ देख पाता। सुबह कपड़े उतारने के बाद पर्स देखा तो परिवार वालों के पसीने छूट गए। मेरे साईंनाथ ने मौत से बचाया है। मेरे परिवार और दोस्तों की दुआएं काम आ गईं। विजेंद्र कुमार का कहना है कि उन्हें वास्तव में ऐसा लग रहा है कि यह उनका दूसरा जीवन है। विजेंद्र कुमार ने कहा कि वह तो बहुत सौभाग्यशाली थे कि गोली उनके पर्स में ही फंसी रही, इस घटना को उन्होंने अपना पुनर्जन्म बताया है।
दिल को छू गई थी गोली
उपद्रवियों की गोली विजेंद्र के दिल को छू चुकी थी, अगर पर्स में साईंबाबा, भोले की तस्वीर का फाइबर मैटल नहीं होता तो गोली दिल में लगती और फिर सब कुछ खत्म हो सकता है। मगर गोली को पर्स ने रोक लिया।