हुड़दंग मचाया तो पुलिस ने रेसिंग बाइकें कीं सीज, बारावफात जुलूस में फलस्तीन का झंडा लहराने वाले सहित तीन गिरफ्तार
फिरोजाबाद में बारावफात के जुलूस में फलस्तीनी झंडे फहराने पर पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। सड़कों पर हुड़दंग मचाने वाले नौ युवकों को भी जेल भेजा गया है और उनकी बाइकें जब्त की गई हैं। पुलिस झंडों के स्रोत की जांच कर रही है और अब तक 39 लोग गिरफ्तार हो चुके हैं। युवाओं ने अपनी गलती मानकर माफी मांगी है।

जागरण संवाददाता, फिरोजाबाद। बारावफात (ईद मिलादुन्नबी) के जुलूस के दौरान शुक्रवार को हाईवे पर फलस्तीन और अन्य इस्लामिक देशों के झंडे फहराए गए थे। जांच में इसकी पुष्टि होने के बाद पुलिस ने झंडा लहराने वाले युवक के साथ ही उसका वीडियो बनाने और प्रसारित करने वाले दो लोगों को भी गिरफ्तार किया है। वहीं शहर की सड़कों पर हुड़दंग मचाने वाले नौ और युवकों को भी पुलिस ने जेल भेजा है। उनके पास से बरामद हुई चार रेसर बाइकें सीज की गई हैं।
सड़कों पर हुड़दंग मचाने वाले नौ और जेल भेजे, रेसर बाइकें सीज
इस बार कुछ खुरापाती तत्वों ने बारावफात के जुलूस के दौरान शहर की फिजा बिगाड़ने का प्रयास किया। उन्होंने न सिर्फ जुलूस के दौरान इस्लामिक देशों के झंडे फहराए बल्कि उनके वीडियो बनाकर प्रसारित भी किए। वहीं 70 से अधिक युवकों ने सड़कों पर बाइकें दौड़कर हुड़दंग मचाया। पुलिस ने ऐसे 30 युवाओं की पहचान कर उन्हें शनिवार को जेल भेजा था। पुलिस ने उनकी थाने से लेकर जेल तक परेड कराई।
शुक्रवार का मामला, उत्तर पुलिस ने 30 युवक शनिवार को भेज थे जेल
गिरफ्त में आते ही युवकों को अपनी गलती का पछतावा हुआ तो कान पकड़कर माफी भी मांगी। इधर वीडियो के आधार पर फलस्तीन के झंडे की जांच में जुटी पुलिस रविवार को उसे लहराने वाले तक पहुंच गई। एसपी सिटी रवि शंकर ने बताया कि तीनों आरोपितों का शांतिभंग में चालान किया गया है।
हुड़दंग में इनकी हुई गिरफ्तारी
इंस्पेक्टर दक्षिण योगेंद्र पाल सिंह ने बताया कि जुलूस के बाद बाइकों से हुड़दंग मचाने वाले जैनुल आब्दीन निवासी गालिब नगर, थाना रसूलपुर, मुहम्मद आलिब निवासी मुस्ताक बिल्डिंग थाना दक्षिण, अजहर निवासी ज्ञान सरोवर स्कूल वाली गली डाक बगला रसूलपुर, कामरान निवासी हाजीपुरा चौराहा झमईया टोला, रसूलपुर को गिरफ्तार कर सिटी मजिस्ट्रेट न्यायालय में पेश किया गया। वहां से उन्हें जेल भेज दिया गया।
इनके कब्जे से चार नई रेसर बाइकें भी बरामद हुईं। उनके संबंध में आवश्यक कागजात न होने के कारण बाइकें सीज की गई हैं। प्रसारित वीडियो में ये बाइकें दिखाई दे रही हैं। वहीं उत्तर पुलिस ने भी पांच युवाओं को जेल भेजा है। इसके साथ ही इस मामले में अब तक 39 लोग जेल जा चुके हैं।
आखिर कहां से आए इस्लामिक झंडे
बड़ा सवाल ये है कि पचोखरा क्षेत्र के पमारी जैसे गांव में इस्लामिक देशों के झंडे आए कहां से? क्योंकि किसी दूसरे देश के झंडे की जानकारी सामान्यत: आमजन को नहीं होती। उन्हें इसकी जरूरत भी नहीं होती। ऐसे में दूसरे देश के झंडे के बारे में पता करने के बाद उसे तैयार कराना भी आसान नहीं है। शहर में ईद मिलादुन्नबी के जुलूस के दौरान लहराया गया फलस्तीन का झंडा बनाना भी मुश्किल है। इसमें काले, सफेद और हरे रंग की तीन पट्टियों के साथ लाल रंग का त्रिभुजाकार टुकड़ा भी लगा होता है।
प्रसारित वीडियो में हाईवे पर एक साथ दो झंडे लहराते हुए दिख रहे हैं। एक अन्य इस्लामिक देश का झंडा भी नजर आ रहा है। हालांकि अब ये वीडियो इंटरनेट मीडिया से हटा दिए गए हैं।
एसपी सिटी रविशंकर प्रसाद का कहना है कि पमारी में झंडे लगाने वालों ने लिखित में माफी मांग ली है। झंडे कहां से आए इसकी जांच की जा रही है।
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