मंसूबों में फिरा पानी, 88 करोड़ की भूमि सरकार के पक्ष में वापस
जमीन का फर्जीवाड़ा फर्जीवाड़ा

मंसूबों में फिरा पानी, 88 करोड़ की भूमि सरकार के पक्ष में वापस
जागरण संवाददाता, फतेहपुर : डीएम बंगले से जुड़ी हुई बेशकीमती 16 बीघे जमीन अब सरकारी खाते में पुन: लौट आई। सर्किल रेट के अनुसार इसकी कीमत 88 करोड़ है। सरकारी जमीन को भूमिधरी बनाने के लिए राजस्व रिकार्ड में बड़ा खेल करके जमीन की नवैइयत बदली गई थी। इस जमीन पर प्लाटिंग कर करोड़ों की कमाई का मंसूबा पालने वाले कुछ भू माफिया का खेल बिगड़ गया है। एसडीएम ने उक्त भूमि को पुन: सरकारी खाते में दर्ज कराया है।
डीएम आवास के पीछे 21 बीघे सरकारी भूमि मौजूद है। इस भूमि से पांच बीघे भूमि एफसीआइ के लिए आवंटित है। जबकि 16 बीघे जमीन मैदान के रूप में पड़ी है। बीते कुछ दिनों से उक्त जमीन के दावेदार निकल कर आए हैं और इस पर अपना अपना अधिकार चाह रहे हैं। डीएम अपूर्वा दुबे ने संदेह होने पर इस प्रकरण की जांच कराई तो मामला खुलकर सामने आ गया। जांच में पाया गया कि उपरोक्त जमीन पूर्व में सरकारी थी, लेकिन 1359 फसली के राजस्व रिकार्ड में इस भूमि को नामदार बना दिया गया। अंधेर तो यह है कि दशकों से इस भूमि की शिकायत और जांच होती रही, लेकिन किसी अफसर ने 1359 फसली के पहले के रिकार्ड ही नहीं देखे। उक्त आधार खतौनी को ही सही मानते हुए जमीन पर मालिकाना हक दर्शाते रहे।
डीएम और एसपी ने देखा जमीन, सुरक्षा के लिए बनेंगी दीवार
मंगलवार को डीएम अपूर्वा दुबे और एसपी राजेश सिंह ने उक्त भूमि का मौका मुआयना किया। डीएम ने एसडीएम न्यायिक एनपी मौर्य, लेखपाल ओम प्रकाश और अनुपम के साथ नापजोख कराई। अफसरों को उपरोक्त भूमि को बाउंड्री करके सुरक्षित कराने का निर्देश दिया। वर्तमान में उपरोक्त जमीन पर आरसीसी गिट्टी और मौरंग के ढेर लगे हैं।
इस तरह किया गया खेल, जाने
राजस्व अभिलेखों में गाटा संख्या 44, 45, 46, 58 जिनका पुराना नंबर 53, 54, 51 हैं। इन गाटों में 1319, 1333, 1334 फसली में जमीन का अधिकार सरकार के पक्ष में है। लेकिन 1359 फसली के रिकार्ड में यह भूमि हसन फात्मा, हसीब उल्ला व पीरू के नाम दर्ज हो गई। इसका कोई आदेश नहीं हुआ। इसके बाद इस भूमि का कुछ हिस्सा बाबूराम व ईसुफ क्लब (यूसुफ क्लब का मिलता जुलता नाम) दर्ज हो गया। राजस्व रिकार्ड में यह नाम दर्ज हुए इनका नाम एक अलग इंक से ओवर राइटिंग करते हुए दर्ज किया गया।
शहर के अंदर 16 बीघे बेशकीमती जमीन है, जांच में यह सरकारी पाई गई है। जबकि इस जमीन के लिए लगातार दावेदार खड़े हो रहे थे और राजस्व रिकार्ड दिखा कर अपना बता रहे थे। जांच में फर्जीवाड़ा पाया गया इसलिए उक्त जमीन को पुन: सरकार के पक्ष में वापस कर खतौनी में दर्ज किया गया है।
अपूर्वा दुबे डीएम
जेल जाएंगे, जमीन हथियाने वाले
सरकारी भूमि को फर्जीवाड़ा करके भूमिधरी बनाया गया है। प्रशासन इस मामले में भू-माफिया की कार्रवाई की तैयारी कर रहा है। जो नाम प्रकाश में आएंगे उन्हें जेल भेजा जाएगा। अभी यह भी जांच चल रही है कि कितने अफसर व लेखपाल दोषी है। उन पर भी विधिक कार्रवाई की जाएगी।
राजेश कुमार सिंह, एसपी
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