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    फतेहपुर में राइस मिल की भूसी में दबने से श्रमिक की मौत, 14 घंटे बाद उठा शव

    Updated: Mon, 22 Dec 2025 08:07 PM (IST)

    फतेहपुर में एक राइस मिल में काम करते समय एक श्रमिक भूसी के ढेर में दब गया, जिससे उसकी मौत हो गई। श्रमिक के लापता होने के बाद खोजबीन शुरू हुई और चार घं ...और पढ़ें

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    जागरण संवाददाता, फतेहपुर। राइस मिल में काम करते समय श्रमिक भूसी के ढेर में दब गया। काफी देर तक श्रमिक नहीं दिखा तो उसकी खोज शुरू हुई। करीब चार घंटे बाद मिल प्रशासन श्रमिक को भूसी के ढेर से बाहर निकाल पाया, लेकिन तब तक श्रमिक की मौत हो चुकी थी।

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    फोरेंसिक टीम ने जांच के बाद यह माना कि दम घुटने से श्रमिक की मौत हुई। दोपहर बाद पहुंचे स्वजन और मिल प्रशासन के प्रतिनिधियों के बीच मुआवजे को लेकर बातचीत हुई। 14 घंटे बाद शव को पुलिस के सिपुर्द किया गया।

    औंग थाने के गोधरौली औद्योगिक क्षेत्र में एमएलएमपी फ्लोर मिल की राइस मिल यूनिट में गाजीपुर जिले के थाना जमानियां के बहादुरपुर गांव निवासी 25 वर्षीय मंटू यादव अपने मंझले भाई कृष्णा के साथ काफी दिनों से काम कर रहे थे। रविवार को मध्य रात्रि के बाद मंटू ड्यूटी पर आया और राइस मिल में भूसी का डंप हटाने चला गया। डंप हटाने के दौरान भूसी के ढेर में दब गया।

    एक घंटे तक रात करीब एक बजे श्रमिक नहीं दिखा तो उसकी खोज शुरू हो गई। श्रमिक के साथियों ने उसके मोबाइल पर काल की तो घंटी बजने पर मोबाइल नहीं उठा। इस पर कर्मचारी व मिल प्रशासन श्रमिक की खोज में लग गए। तभी किसी ने बताया कि श्रमिक भूसी का ढेर हटाने गया था। इस पर भूसी के ढेर में खोजने पर श्रमिक भोर चार बजे दबा मिला, लेकिन मौत हो चुकी थी।

    खबर पाकर दिवंगत के पिता सुरेंद्र यादव ग्राम प्रधान के साथ सोमवार दोपहर तीन बजे आए। इसके बाद बातचीत शुरू हुई। मिल प्रशासन की ओर से 13 लाख रुपये का मुआवजा दिए जाने की बात होने के बाद पुलिस श्रमिक के शव को शाम छह बजे कब्जे में ले पाई।

    थाना प्रभारी रमा शंकर सरोज ने बताया कि प्रथमदृष्टया भूसी के ढेर में दबने से दम घुटने से मौत हुई है। श्रमिक के स्वजन व मिल प्रशासन की मुआवजे को लेकर बात हो गई है। दिवंगत के पिता ने कहा कि 13 लाख रुपये की आर्थिक मदद देने की बात मिल प्रशासन ने कही है। इसमें छह लाख रुपये पत्नी के खाते में व छह लाख रुपये मेरे खाते में देंगे। एक लाख रुपये नकद अंतिम संस्कार के लिए देंगे।

    ...तो जान बचाने को छटपटाता रहा

    श्रमिक जब भूसी के ढेर में फंसा तो जान बचाने के लिए बाहर निकलने की कोशिश की। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि श्रमिक का शव निकाला गया तो उसके दोनों हाथ ऊपर को थे। एक हाथ में मोबाइल था। ऐसा लग रहा था कि वह जान बचाने को छटपटाता रहा...लेकिन कोई जान न सका।