'बेटियों पर बढ़ रहा अपराध, ध्यान देने की जरूरत', राज्यपाल ने घुसपैठियों पर भी की बात
उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने फतेहपुर जिले के दौरे पर कहा कि बालगृहों में पहुंची बेटियां अपराध का शिकार हुई हैं, इन्हें हुनरमंद बनाना है। ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, फतेहपुर। सोमवार को उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल जिले के दौरे पर रहीं। उन्होंने कहा कि बालगृहों में पहुंची बेटियां अपराध का शिकार हुई हैं, इन्हें हुनमंद बनाना है।
बेटियां छोटी उम्र में अपराध का शिकार हो रही हैं, इस पर सभी को ध्यान देने की जरूरत है। चिंताजनक यह है कि किसी अपराध पर मां-बाप बेटी से रिश्ता तोड़ लेते हैं, ऐसी धारणा को बदलना है। दुनिया में बहुत कुछ बदल रहा है, हम-आप इससे अछूते न रहें इसके लिए कदमताल मिलानी होगीं।
नेशनल एजूकेशन पालिसी बड़े बदलाव लाएगी। एसआइआर अभियान में घुसपैठिया मिल रहे हैं, इन्हें बाहर निकाला जाएगा। इसका प्रबंध सरकार कर रही है। बेटियों की शिक्षा पर जोर दिया और स्मार्ट क्लास और हुनरमंद शिक्षा से जोड़ने की बात कही।
सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कालेज में छात्र-छात्राओं व अभिभावकों को संबोधित करते हुये कहा कि कैंसर एक भयावह बीमारी है। जनसहयोग से 9 से 15 वर्ष की बेटियों के लिए कैंसर वैक्सीन लगवाने का अभियान चालू है।
कस्तूबरा आवासीय विद्यालयों व समेत सभी जगहों पर अफसर बेटियों को चिन्हित करें और वैक्सीन लगवाएं। बाल सुधार गृहों में जो बेटियां हैं उन्हें हुनरमंद बनाया जाएगा। ताकि वह खुद के पैरों में खड़ी हो सकें। बेटियों को संदेश दिया कि वह 21 की उम्र पूरी होने से पहले शादी के लिए हां करें बल्कि इन्कार करें।
स्कूलों में ऐसी समिति बनाने पर जोर दिया, जो बेटियों की हर गतिविधि पर नजर रखकर उन्हें अच्छा-बुरा बताए। बेहतर पढ़ाई कर आगे बढ़ने की बात कही। दहेज समाज में बड़ी कुरीति है इसे सबको मिलकर दूर करना होगा, ताकि दहेज के लिए होने वाले अपराधों को खत्म किया जा सके।
आंगनबाड़ी केंद्रों के बारे में कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों के समय में यह केंद्र बनें जरूर थे, लेकिन सुविधाएं नहीं थी। बीते 11 साल में केंद्र व राज्य की सरकारों ने इन्हें सुधारा है। इन्हें बेहतर बनाने के लिए जनसहयोग भी खूब मिला है। आज यह 24 तरह की सुविधाओं से लैस हो गए हैं।
उन्होंने अपराध पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि जेल निरीक्षण में खुद किया है अधिकांश लोग जमीनी विवाद पर हुए अपराध की सजा काट रहे हैं। पूर्व की सरकारें मालिकाना हक का दस्तावेज तक नहीं दे पाई। अब घरौनी सबको मिल रही है, जिससे इस तरह के अपराधों पर विराम लगेगा।

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