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    फतेहपुर मंदिर-मकबरा विवाद: कंडोलेंस में नहीं बैठी कोर्ट, अब 17 जनवरी को होगी अगली सुनवाई

    Updated: Mon, 22 Dec 2025 09:06 PM (IST)

    फतेहपुर में मंदिर-मकबरा मामले में सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में सुनवाई कंडोलेंस के कारण नहीं हो सकी। अगली सुनवाई 17 जनवरी को होगी। सिविल जज ने ज ...और पढ़ें

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    जागरण संवाददाता, फतेहपुर। मंदिर-मकबरा प्रकरण के बहुचर्चित मामले में सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में सोमवार को सुनवाई होनी थी, लेकिन कंडोलेंस होने के कारण कोर्ट नहीं बैठी। इस मामले में अगली सुनवाई के लिए 17 जनवरी की तिथि नियत की गई है।

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    जुर्माने के साथ मूल मुकदमे में सुनवाई का फैसला सिविल जज सीनियर डिवीजन ने दिया था, जिसके खिलाफ मकबरा पक्ष जिला जज की अदालत में अपील पर गया। इस अपील पर मंगलवार को सुनवाई होगी।

    बता दें कि वर्ष 2010 में सिविल जज सीनियर डिवीजन ने टाइटिल सूट का फैसला सुनाते हुए असोथर के रामनरेश सिंह के नाम वाली जमीन खारिज करते हुए भूमि पर मकबरा मंगी का नाम दर्ज करने का आदेश दिया था।

    इस मुकदमे के खिलाफ राम नरेश सिंह ने 2011 में रेस्टोरेशन दायर किया था, लेकिन इसे खारिज कर दिया गया था। रेस्टोरेशन खारिज होने के बाद वादी पक्ष ने 2014 में एडीजे की कोर्ट में अपील दाखिल की थी, जिसे स्वीकार किया गया था।

    मुकदमा सुनने के लिए सिविल जज सीनियर डिवीजन को पत्रावली भेजी थी। 11 अगस्त को विवादित स्थल पर बवाल होने के बाद मुकदमे की पैरवी तेज हो गई। अपील की सुनवाई में मृतक मुतवल्ली अनीश की जगह नए मुतवल्ली को पक्षकार बना दिया गया।

    पक्षकार बनाए जाने के बाद वादी की तरफ से अधिवक्ता रामजी सहांय, रामशरण सिंह ने मूल रेस्टोरेशन के मुकदमे में सुनवाई किए जाने के तर्क रखे और कोर्ट ने तर्क मानते हुए मूल मुकदमे में सुनवाई का फैसला कर दिया।

    हालांकि, विपक्ष की तरफ से अधिवक्ता अनिल श्रीवास्तव व फिरोज खान कोर्ट में मूल मुकदमे में दोबारा सुनवाई को गलत ठहरा रहे हैं और फैसले के खिलाफ डीजे की अदालत में अपील की है। इसकी सुनवाई मंगलवार को होनी है।

    जानें क्या है पूरा मामला

    आबूनगर मोहल्ले के रेडइया स्थिति पुरानी इमारत को लेकर सात अगस्त 2025 को मठ-मंदिर संरक्षण संघर्ष समिति ने डीएम रविंद्र सिंह को ज्ञापन देकर पुरानी इमारत को मंदिर बताते हुए साफ-सफाई व पूजा-पाठ की अनुमति मांगी थी।

    प्रशासन ने अनुमति नहीं दी तो 11 अगस्त को सनातनियों का एकत्रीकरण किया गया। इसी दिन करीब 11.30 बजे तीन सौ लोगों ने पुरानी इमारत में घुसकर पूजा-पाठ की और यहां बनीं मजारों में तोड़फोड़ की। इस दौरान दोनों पक्ष से ईंट-पत्थर चले। पुलिस ने 10 नामजद और 150 अज्ञात पर मुकदमा दर्ज किया। हालांकि, इस प्रकरण में अब तक किसी की भी गिरफ्तारी नहीं हुई है।