UP News: पर्यटक से दरगाह में जबरन चढ़वाई चादर, महल दिखाने के नाम पर दिया हैरान कर देने वाला जवाब
फतेहपुर सीकरी में एक पर्यटक दंपती के साथ धोखाधड़ी हुई। गाइड ने उन्हें महल दिखाने के नाम पर बताया कि अकबर का किला (पैलेस) टूट गया है। वहां पर नहीं जान ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, फतेहपुर सीकरी। विश्व धरोहर फतेहपुर सीकरी घूमने आए बुलंदशहर के दंपती के साथ शनिवार को धोखाधड़ी की गई। पर्यटक द्वारा महल देखने की इच्छा जताने पर गाइड ने उनसे कह दिया कि वह तो टूट गया है। दरगाह में 1100 रुपये की चादर जबरन चढ़वा दी गई। गाइड तय शुल्क लेकर भाग निकला। लौटते समय दंपती को पार्किंग में धोखाधड़ी की जानकारी हुई। दंपती ने गाइड की मनमानी पर नाराजगी जताई और बाद में महल पैलेस देखा। एएसआइ और पुलिस कोई शिकायत नहीं मिलने की बात कह रहे हैं।
फतेहपुर सीकरी स्मारक समूह दो भागों दरगाह परिसर और महल पैलेस में बंटा हुआ है। दरगाह परिसर में सूफी संत शेख सलीम चिश्ती की दरगाह, बुलंद दरवाजा, जामा मस्जिद हैं, जबकि महल पैलेस में जोधाबाई पैलेस, पंचमहल, अनूप तालाब, रंग महल, हिरन मीनार आदि हैं।
मूल रूप से बिहार के रहने वाले और बुलंदशहर में बैंक में तैनात राहुल सिंह अपनी पत्नी प्रीति और पांच वर्षीय बच्चे के साथ शनिवार को फतेहपुर सीकरी घूमने आए थे। दोपहर 1:30 बजे बुलंद दरवाजा के पास दंपती ने 500 रुपये में गाइड तय किया।
गाइड बोला- टूट गया अकबर का किला...
राहुल सिंह ने बताया कि गाइड ने उन्हें बुलंद दरवाजा, शेख सलीम चिश्ती की दरगाह और बादशाही गेट दिखाया। पत्नी ने महल दिखाने की इच्छा जताई तो गाइड ने कहा कि अकबर का किला (महल पैलेस) तो टूट गया है। वहां जाना ठीक नहीं है। गाइड महल पैलेस को अकबर का किला कहते हैं। गाइड ने दरगाह में आस्था का हवाला देकर 1100 रुपये की चादर जबरन चढ़वा दी। इसके बाद अपना शुल्क लेकर भाग निकला। दोपहर तीन बजे दंपती बस स्टैंड पहुंचे।
बस स्टैंड प्रभारी रामगोपाल और शिव सिंह माहुरा से पूछा कि महल पैलेस कब टूट गया तो उन्होंने बताया कि यथावत है। धोखाधड़ी से पर्यटक दंपती दंग रह गए। उन्हें दोबारा स्मारक देखने जाना पड़ा।
इंस्पेक्टर धर्मेंद्र दहिया का कहना है कि पर्यटक की ऐसी कोई शिकायत नहीं मिली है। फतेहपुर सीकरी के संरक्षण सहायक दिलीप सिंह ने कहा कि अगर शिकायत मिलती है तो गाइड के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।
पर्यटकों संग हो रही धोखाधड़ी
स्मारक परिसर घुमाने के नाम पर पर्यटकों के साथ धोखाधड़ी का पहला मामला नहीं है। 23 अक्टूबर को पुणे के पर्यटक दंपती के साथ धोखाधड़ी हुई। उन्हें भी खंडहर बताकर स्मारक नहीं घुमाया गया था। इसके बावजूद भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण, पर्यटन, पुलिस व प्रशासन के अधिकारियों ने कोई पहल नहीं की।

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