Fatehpur News: वैकल्पिक रास्ता खराब होने से बांदा-फतेहपुर का आवागमन मुश्किल, स्थानीय लोगों को हो रही परेशानी
फतेहपुर में यमुना नदी पर बना 92 करोड़ का पुल वाहनों के लिए बेकार साबित हो रहा है। पुल के पहुंच मार्ग के बार-बार क्षतिग्रस्त होने से भारी वाहनों का आवागमन बाधित है। स्थानीय लोगों के अनुसार विभागीय लापरवाही के कारण बांदा से आने वाले मरीजों और व्यापारियों को परेशानी हो रही है।
जागरण संवाददाता, फतेहपुर। किशुनपुर व बांदा जनपद के दांदो घाट के मध्य यमुना नदी पर बना पक्का पुल बाइक, साइकिल व पैदल राहगीरों को छोड़कर वाहन सवारों के लिए बेमकसद सिद्ध हो रहा है। 92 करोड़ रुपये की लागत वाले पक्का पुल से बमुश्किल छह महीने ही ट्रक, डंपर, ट्रैक्टर व दोनों जनपद के मध्य यात्रा करने वाले लोगों के चार पहिया वाहन निकल सके। बीते वर्ष अक्टूबर महीने से लेकर इस साल जुलाई माह तक पक्का पुल पर भारी वाहनों का आवागमन ठप रहा।
लोक निर्माण विभाग ने क्षतिग्रस्त पहुंच मार्ग की मरम्मत कराने के बाद जुलाई महीने में पक्का पुल पर वाहनों का आवागमन शुरू कराया। हालांकि यमुना नदी की बाढ़ में दोबारा पहुंच मार्ग क्षतिग्रस्त हो जाने से वाहनों का आवागमन बंद हो गया। स्थानीय निवासी, दुकानदार तथा दोनों जनपद के मध्य आवागमन करने वाले लोगों का कहना था विभागीय लापरवाही का खामियाजा दोनों जनपद के लोग भुगत रहे हैं।
बार-बार पहुंच मार्ग क्षतिग्रस्त होने से करोड़ों रुपये की लागत से बने पक्का पुल का फायद नहीं मिल रहा है। बांदा जनपद से आने वाले मरीज, व्यापारी व नौकरीपेशा लोग लगातार परेशानी उठाते हैं।
किशुनपुर कस्बा के रहने वाले लोगों का कहना था जनवरी महीने में बांदा जनपद के रहने वाले एक मौरंग कारोबारी ने तुर्की नाला के बगल से वैकल्पिक रास्ता तैयार करा दिया था। उसके बाद से सभी प्रकार के वाहन बांदा-फतेहपुर के मध्य आवागमन कर पा रहे थे।
एक सप्ताह पहले ही बाढ़ समाप्त होने पर कारोबारी ने दोबारा कच्चा रास्ता बनवाया। हालांकि यमुना नदी में दोबारा बाढ़ आने से कच्चा रास्ता खराब हो गया। पक्का पुल का पहुंच मार्ग पहले से ध्वस्त होने तथा वैकल्पिक रास्ता खराब होने के बाद से सिर्फ बाइक, साइकिल व पैदल राहगीर ही पक्का पुल से निकल पा रहे हैं।
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