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    युवक की हत्या करने वाले मां समेत दो बेटों को उम्रकैद, गोटी खेलने से मना करने पर तीनों ने मिलकर मारा था

    Updated: Thu, 24 Jul 2025 10:33 PM (IST)

    फतेहपुर में गोटी खेलने से मना करने पर एक युवक की हत्या कर दी गई। अदालत ने इस मामले में मां समेत दो बेटों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। यह घटना 2011 में सदर कोतवाली क्षेत्र में हुई थी जिसमें अविनाश नामक युवक की चाकू मारकर हत्या कर दी गई थी। अदालत ने दोषियों पर जुर्माना भी लगाया है।

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    युवक की चाकुओं से गोदकर हत्या करने वाले मां समेत दो बेटों को उम्रकैद

    जागरण संवाददाता, फतेहपुर। गोटी खेलने से मना करने के विवाद पर युवक को तीन सगे भाई और उनकी मां ने चाकुओं से गोदकर नृशंस हत्या कर दी थी। मामले की अंतिम सुनवाई अपर सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक कोर्ट नंबर दो में हुई। 

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    गवाहों के बयान और साक्ष्यों के आधार पर तीनों हत्यारों को आजीवन कारावास की सजा सुना दी। अदालत ने तीनों दोषियों पर 52-52 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है।

    यह घटना सदर कोतवाली क्षेत्र के चतुरी मुराई का पुरवा रेल बाजार की 7 अगस्त 2011 की है। हत्यारे वीरेंद्र, धर्मेंद्र व रवि वाल्मीकि शहर के चतुरी मुराई पुरवा रेल बाजार में वादी के घर के सामने गोटी खेला करते थे और गाली गलौज करते थे। 

    दिवंगत अविनाश ने इन लोगों से गाली गलौज करने से मना किया तो मारपीट पर आमादा हो गए। अविनाश की मां व भाई बचाने के लिए दौड़े तो हत्यारों की मां मेवाकली अपने घर से चाकू निकालकर ले आई और उसके ललकारने पर वीरेंद्र व धर्मेंद्र ने पकड़ लिया और रवि वाल्मीकि ने अविनाश के पेट में चाकू से घोंपकर निर्मम हत्या कर दी और परिवार वालों को जान से मारने की धमकी देते हुए चले गए।

    इस मामले की अंतिम सुनवाई अपर सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक कोर्ट नंबर दो के पीठासीन अधिकारी अजय सिंह प्रथम ने की। गवाहों के बयान और साक्ष्यों के आधार पर दोषी सगे भाई रवि बाल्मीकि, वीरेंद्र उर्फ कालापूती व उनकी मां मेवाकली पत्नी स्व. सवानी को आजीवन कारावास की सजा सुना दी। 

    अदालत ने प्रत्येक दोषी को 52-52 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। अभियोजन द्वारा आठ गवाह पेश किए गए। चौथे आरोपित धर्मेंद्र की दौरान विचारण मृत्यु हो चुकी है। दोषी रवि वाल्मीकि घटना के बाद से जेल में ही है। 

    वहीं, वीरेंद्र व मेवाकली को न्यायिक अभिरक्षा में लेकर कारागार भेज दिया गया। अभियोजन पक्ष की तरफ से शासकीय अधिवक्ता अजय कुमार सिंह, राजकुमार रज्जू बाबू व सुरेश कुमार कैथल ने तर्क रखे।