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    किशोरी के साथ दुष्कर्म के दोषी को 10 साल की कड़ी सजा, लगाया इतना जुर्माना

    Updated: Wed, 10 Sep 2025 06:49 PM (IST)

    फतेहपुर में एक अदालत ने किशोरी से दुष्कर्म के दोषी को दस साल की सजा सुनाई। 2011 में दोषी ने लड़की को पिता के एक्सीडेंट का बहाना बनाकर बुलाया और दुष्कर्म किया। अदालत ने दयाशंकर को दोषी पाया जबकि अन्य आरोपियों को बरी कर दिया। दोषी पर 30000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया। यह फैसला अपर सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक कोर्ट ने सुनाया।

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    किशोरी के साथ दुष्कर्म के दोषी को दस वर्ष का कठोर कारावास। जागरण

    जागरण संवाददाता, फतेहपुर । किशोरी को बहाने से ले जाकर उसके साथ दुष्कर्म के दोषी को अदालत ने दस वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुना दी। अदालत ने दोषी पर तीस हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है।

    यह घटना नगर मुख्यालय के एक मुहल्ले की पांच अप्रैल 2011 की रात आठ बजे की है। नगर के एक मुहल्ला निवासी पीड़िता के पिता ने कहा कि वह ड्राइवरी करता है और अक्सर बाहर ही रहता है। वादी के मुताबिक पांच अप्रैल 2011 को पड़ोस के दयाशंकर उर्फ बड़े, दयाराम, दयानंद व इनके रिश्तेदार तुलसी, रामकृपाल व मनीष कुमार आए और कूट मंत्रणा करके बेटी से बताया कि तुम्हारे पिता का एक्सीडेंट हो गया है, रुपया लेकर चलो।

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    पैसे लेकर साथ चली गई लड़की

    उसकी लड़की रुपया लेकर इनके साथ चली गई। वह जब वापस आया तो उसकी पत्नी ने बताया कि लड़की नहीं है। मुहल्ले के लोगों से जानकारी ली गई तो पता चला कि उक्त लोगों के साथ तुम्हारी बेटी गई है। इसके बाद सदर कोतवाली में उक्त आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया।

    इस मामले की अंतिम सुनवाई अपर सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक कोर्ट नंबर एक के पीठासीन अधिकारी अशोक कुमार द्वादस ने की। अदालत ने आरोपित दयाराम हरिजन, दयानंद हरिजन, रामकृपाल, मनीष व तुलसी देवी को दोषमुक्त करार दिया। वहीं दयाशंकर को दस वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई। अदालत ने दोषी पर तीस हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया। अभियोजन पक्ष की ओर से सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता महेंद्र सिंह ने तर्क रखे।

    किस धारा में क्या हुई सजा

    धारा 376: दस वर्ष का कठोर कारावास व बीस हजार रुपये का अर्थदंड

    धारा 363: तीन वर्ष का सश्रम कारावास व पांच हजार रुपये का अर्थदंड

    धारा 366: तीन वर्ष का सश्रम कारावास व पांच हजार रुपये का अर्थदंड