Fatehpur Maqabara: हाई कोर्ट के आदेश के बाद भी 34 प्लॉट बिक गए! मकबरे की जमीन पर किसका है असली हक?
फतेहपुर में मकबरा मंगी की जमीन को लेकर 18 साल से विवाद चल रहा है। सुन्नी वक्फ बोर्ड के मुतवल्ली ने मकबरे पर कब्जे का आरोप लगाया है। 2007 में पहला मुकदमा दायर हुआ जिसके बाद 2012 में मकबरे का नाम खतौनी में दर्ज हुआ। मुतवल्ली ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर जमीन पर अवैध कब्जे का आरोप लगाया है। जांच में रामनरेश का नाम खतौनी से हटा दिया गया।

जागरण संवाददाता, फतेहपुर। वर्तमान राजस्व रिकार्ड में गाटा संख्या 1159 ठाकुर जी विराजमान मंदिर और गाटा संख्या 753 की खतौनी मकबरा मंगी दर्ज है, लेकिन यह विवाद 18 साल से चल रहा है। 2019 में सुन्नी वक्फ बोर्ड से नियुक्त किए गए मुतवल्ली अबू हुरेरा का तर्क है कि जबरन मकबरा पर कब्जा किया जा रहा है।
मकबरा मंगी के मुतवल्ली मो. अनीश निवासी आबूनगर ने 2007 में पहला मुकदमा सिविल जज सीनियर डिवीजन के यहां दर्ज किया गया था, जिसमें टाइटिल डिसाइड का फैसला चार जून 2010 को आ गया था।
इसी आदेश के आधार पर 2012 में गाटा नंबर 753 में मकबरा मंगी का नाम चढ़ाया गया था, लेकिन यह जानकारी किसी को नहीं हुई। मुतवल्ली ने हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका 2013 में दाखिल की थी, जिसमें उन्होंने मकबरा को वर्ष 1611 का निर्मित बताया था।
आरोप लगाया था कि उक्त मकबरे की जमीन को शकुंतला मान सिंह पत्नी नरेश्वर मान सिंह के नाम गलत ढंग से 1970 में अपने नाम राजस्व रिकार्ड में चढ़वा लिया और बाद में शकुंतला मानसिंह ने इस जमीन को असोथर के रामनरेश सिंह के नाम बेंच दिया।
राम नरेश सिंह द्वारा उपरोक्त जमीन से 34 प्लाट बेंचे गए और अब मकबरा पर भी अतिक्रमण की नीयत है। हाईकोर्ट उस समय डीएम को पूरे प्रकरण की जांच कराने और पिटीशनर की सुनवाई करने को कहा था। हाईकोर्ट के आदेश पर जब तत्कालीन डीएम राकेश कुमार ने प्रकरण की जांच कराई थी।
जांच में पाया गया था कि अप्रैल 2012 में ही एसडीएम कोर्ट के वाद 30/2010-12 के आधार पर रामनरेश का नाम खतौनी से निरस्त करते हुए मंगी मकबरा का नाम खतौनी में चढ़ा दिया गया है। जबकि उक्त जमीन पर प्लाट खरीदने वालों के खिलाफ आरबीओ एक्ट के तहत कार्रवाई प्रस्तावित है। हालांकि यह कार्रवाई आज तक नहीं हुई है।
वर्तमान में गाटा संख्या 753 की स्थिति
| रकबा का भाग | वर्तमान | जमीन |
| 0.5890 हे. | 34 प्लाट व मकान | साढ़े तीन बीघा |
| 1.0000 हे. | नींव भरे प्लाट | साढ़े छह बीघा |
| 0.0600 हे. | मकबरा निर्मित |
‘मकबरा कब बना यह नहीं जानते हैं, लेकिन 2012 की खतौनी में पहली बार मकबरा मंगी का नाम खतौनी में चढ़ा है। इसके रिकार्ड भी मौजूद है। गाटा नंबर 1159 व गाटा नंबर 753 की जांच की जा रही है। वस्तुस्थिति से उच्चाधिकारियों को अवगत कराया जाएगा।’
- अमरेश सिंह, तहसीलदार सदर

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