Fatehpur News : ढाई करोड़ जमा ना करने पर नोटिसें जारी, 319 ईंट भट्ठों की जांच शुरू
फतेहपुर जिले में 319 ईंट भट्ठा मालिकों ने पिछले साल का ढाई करोड़ विनियमन शुल्क जमा नहीं किया। नए सत्र में भी चार करोड़ का शुल्क बकाया है। शासन की नाराजगी के बाद डीएम ने जांच कमेटी गठित की है। शुल्क न देने पर भट्ठा संचालन रोकने की चेतावनी दी गई है। विनियमन शुल्क मिट्टी के उपयोग के लिए है और अवैध खनन को रोकने में सहायक है।

जागरण संवाददाता, फतेहपुर । जिले में 380 ईंट भट्ठे संचालित हो रहे है। प्रत्येक वर्ष ईंट भट्ठों को विनियमन शुल्क रूप में धनराशि जमा करनी होती है। लेकिन एक साल बीत गया कुल 319 ईंट भट्ठों ने ढाई करोड़ा शुल्क जमा ही नहीं किया।
अब नया सत्र शुरू हो गया है, इस सत्र में भी चार करोड़ की पूंजी विनियमन शुल्क के रूप में एकत्रित होनी हैं, अंधेर की बात यह है कि अब तक किसी भी भट्ठा संचालक ने एक पाई जमा नहीं की है। इस पर शासन ने नाराजगी जताई है। जिसके बाद नोटिसें जारी कर जांच शुरू कर दी है।
निदेशक भूतत्व एवं खनिकर्म निदेशालय के निर्देश पर डीएम रविंद्र सिंह ने जिले में ईंट भट्ठों द्वारा शुल्क न जमा करने वालों की जांच के लिए कमेटी गठित की है। इस कमेटी में जिला खनिज अधिकारी व जिला पंचायत के अपर मुख्य अधिकारी को रखा गया है। अब टीम ने ईंट भट्ठों में पहुंच कर जांच शुरू कर दी है।
शुल्क न जमा करना पड़े इसके लिए भट्ठा संचालक पिछले सत्र में भट्ठा संचालित न होने का दांव चल रहे हैं, लेकिन उनके भट्ठों में लगा ईंटा यह बताने के लिए पर्याप्त है कि पिछले सीजन में भी भट्ठा चलाए गए और ईंटों की बिक्री की गयी। लेकिन सरकार का राजस्व नहीं दिया गया है। विभाग भी जिस ढंग से सख्ती बरत रहा है उससे यह बात तो साफ हो गयी है कि संचालकों को भट्ठा संचालित रखने की दशा में शुल्क जमा करना ही होगा।
नोटिस जवाब व शुल्क न देने पर बंद होगा संचालन
-जिला खनन अधिकारी देशराज सिंह ने बताया कि फिलहाल हमने उन सभी ईंट भट्ठों को नोटिस जारी की है, जिनका शुल्क बकाया है।अगर वह नोटिस की समय सीमा के अंदर शुल्क की अदायगी सरकार के पक्ष में नहीं करते हैं तो ऐसे ईंट भट्ठों के संचालन पर रोक लगाई जाएगी। इसके लिए भट्ठा मालिक ही जिम्मेदार होंगे।
क्या होता है विनियमन शुल्क
ईंट भट्ठों में पहले रायल्टी जमा होती है, लेकिन अब रायल्टी खत्म करके यह राशि विनियमन शुल्क के रूप में जमा होता है। इसका निर्धारण ईंट भट्टों के पाया के आधार पर होता है। यह शुल्क वर्ष में एक बार जमा होता है, शुल्क को जिला पंचायत जमा करती है।
यह शुल्क निर्धारित करता है कि जो भी मिट्टी भट्ठा संचालित करने में ली गयी है, उसका शुल्क दिया गया है। कोई अवैध खनन नहीं किया गया। नियमत: इसे भट्ठा संचालित करने से पहले ही जमा किया जाना चाहिए।
ईंट भट्ठा संचालन की अवधि अक्टूबर से सितंबर माह तक नियत है। लेकिन विनियमन शुल्क संचालन से पूर्व ही जमा करना चाहिए। जिले में एक अक्टूबर से नया सत्र शुरू होना चाहिए इसके लिए इस सत्र का शुल्क 30 सितंबर तक जमा किया जाना अनिवार्य है। - देशराज सिंह, जिला खनिज अधिकारी
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