कुत्ते होते वफादार, इनकों मिले प्यार-दुलार
जागरण संवाददाता फतेहपुर वफादारी के लिए कुत्ता की एक अलग पहचान है पहले कभी घर की
जागरण संवाददाता, फतेहपुर : वफादारी के लिए कुत्ता की एक अलग पहचान है, पहले कभी घर की सुरक्षा के लिए लोग कुत्ते पालते थे, लेकिन अब कुत्ता पालना एक शौक हो गया है। कारण यह है कि कुत्ता घर के फ्रेंडली माहौल में घुल-मिल जाता है।बच्चों के लिए मनोरंजन व बूढों समेत अन्य सदस्यों के लिए कुत्ता एक उपयोगी जानवर हो गया है। बहादुरी के लिए तो जर्मन शेपर्ड, फ्रेंडली माहौल के लिए पामेलियन सर्वाधिक पंसद किया जा रहा है।
कोरोना काल में कुत्तों के पालने का चलन कुछ ज्यादा ही बढ़ा। शहर ही नहीं कस्बा व गांवों तक पंसदीदा ब्रीड वाले कुत्ते पालने जाने लगे है। डॉग के पालने का अंदाज इतना बदल गया कि परिवार के किसी सदस्य से अधिक ही उसे महत्व दिया जाता है। बच्चें ही नहीं बड़े व बुजुर्ग ही उसकी आदतों से इतना घुल-मिल जाते है कि वह घर के सभी सदस्यों के बीच मनोरंजन का मुख्य साधन बन गया है। फ्रेंडली माहौल की पहचान के रूप में कुत्तों की मांग इतना बढ़ी कि दाम भी दस हजार से एक लाख तक पहुंच गए है। यहां पाले जाने वाले कुत्तों के गुण
लैब्राडार: इस नस्ल के कुत्ते अनुशासित होते है, और यह बच्चों व बूढ़ों तक से लगाव रखता है।
जर्मन शेपर्ड : यह अक्रामक व हिम्मती के साथ् ईमानदार होता है। पालतू कुत्तों में यह सबसे पंसदीदा है।
डॉबर मैन : समझदार होने के साथ यह नस्ल ताकतवर होती है।
पामेलियन : यह नस्ल अच्छे दोस्त की तरह होते है, इनकों अपना ध्यान और प्यार चाहिए। यह रखे ख्याल
शहर के पटेल नगर में डॉग क्लीनिक के संचालक डॉ. त्रिशूल सिंह बताते है कि पालतू कुत्तों के केयर बेहद जरूरी है। कुत्ते वफादर होते है इनकों प्यार-दुलार की जरूरत रहती है। उन्होंने कुछ यह सलाह दी..
- जब आप घर से बाहर जाए तो कुत्ते की देखभाल के लिए किसी को पूरी जिम्मेदारी दे दें।
- मौसम के बदलाव में पूरा ख्याल रखे, बाहर जाने पर कुत्ता को कपड़ा पहना कर ही निकाले।
- ठंडी के मौसम में गुनगुने पानी से नहलाएं, खान-पान में ब्रांडेड पौष्टिक सामाग्री ही दी जाए।
- कुत्ते को एक निश्चित समय में टहलाने के लिए अवश्य ले जाएं, और सुरक्षा का ख्याल रखे।
- समय-समय पर टीकाकरण व कीड़ा मारने की दवा अवश्य दी जाए।
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