तीन शवों की पहचान पर विवाद, शरीर के निशान से हुई शिनाख्त
- एएसपी व एएसडीएम की मौजूदगी में स्वजन ने

तीन शवों की पहचान पर विवाद, शरीर के निशान से हुई शिनाख्त
जागरण संवाददाता, फतेहपुर : पोस्टमार्टम हाउस में शनिवार अपराह्न दो बजे से साढ़े पांच बजे के मध्य तीन शवों पर दो-दो दावे आने से स्वजन और तीमारदारों के बीच नोकझोंक व झड़प भी हुई। हालांकि, अपर पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार और एएसडीएम अवधेश कुमार निगम की मौजूदगी पुलिस प्रशासन ने शरीर में चिन्ह, हुलिया व कपड़ों से पहचान करवाई। इस बीच आधार कार्ड, फोटो के साथ स्वजन और रिश्तेदारों की खासी भीड़ जुटी रही।
पीठ के मस्से से हुई प्रीति की पहचान
पोस्टमार्टम हाउस में बांदा जिले के मरका थाने के मुतवारा गांव की गीता पत्नी बृजकिशोर के नाम से शव आया। पति बृजकिशोर ने आकर दिवंगत की शिनाख्त पत्नी के रूप में कर ली। तभी बांदा जिले के मरका थाने के मिर्जापुर गांव से मां शोभा देवी रिश्तेदार सरवन आदि के साथ पहुंचकर शव पुत्री प्रीती का होने का दावा कर दिया। इस पर खागा सीओ संजय सिंह ने शरीर पर कोई निशान पूछा तो शोभा देवी ने बताया कि पुत्री प्रीती के पीठ में मस्सा था और अभी 21 जून 2022 को शादी हुई थी। इसके अंगुलियों में अंगूठी, छल्ला आदि है। शव को देखा गया तो पीठ में मस्सा के साथ अन्य पहचान सही मिले तो शव प्रीति के स्वजन को सौंप दिया गया।
बाबू की अंगुली मुड़ने के साथ सिर पर नहीं थे बाल
असोथर क्षेत्र के लक्षमणपुर के राजू निषाद के शव में दो दावे आ गए। बांदा जिले के बबेरू थाने के निभौर गांव से आए अनुज, अंकिता ने दिवंगत के सिर में बाल न होने के साथ दाहिने हाथ की अंगुली मुड़ी होने व शरीर में नीली कमीज होने पर पिता बाबूराम केवट के रूप में शिनाख्त की। लक्षमणपुर, असोथर निवासी रमेश का कहना था कि उसके भाई राजू का दाहिना पैर टूटा है लेकिन पैर टूटा नहीं दिखा। इस पर सीओ सिटी दिनेशचंद्र मिश्र ने बाबूराम के रूप में शिनाख्त कर शव का पोस्टमार्टम कराकर स्वजन के सिपुर्द कर दिया।
साले-बहनोई में बहनोई रामकरन का निकला शव
असोथर क्षेत्र के सांवला का डेरा गांव के रामप्रसाद निषाद के नाम से पोस्टमार्टम हाउस में शव आया। इसमें बांदा के मरका थाने के घटवईनडेरा समगरा निवासी दिनेश ने आकर शव पिता रामकरन निषाद के होने का दावा कर दिया। हालांकि, रिश्ते में रामप्रसाद बहनोई व रामकरन साला था। नोकझोंक बाद कोतवाली इंस्पेक्टर अमित कुमार मिश्र ने चिन्ह पूछा तो पुत्र दिनेश ने बताया कि दाहिने हाथ में नाम गुदा था और पिता नीले रंग की सादी कमीज व काली पैंट पहने थे। इसके बाद रामकरन के रूप में शिनाख्त होने पर शव का पोस्टमार्टम शुरू कराया गया।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।