'लखनऊ हेडक्वॉर्टर से बोल रहा हूं...', फर्जी ATS चीफ ने रिटायर्ड रेलवे कर्मचारी से 41.10 लाख ठगे
फतेहपुर में साइबर ठगों ने एटीएस चीफ बनकर एक सेवानिवृत्त रेलवे कर्मचारी को मनी लॉन्ड्रिंग के झूठे आरोप में फंसाकर 41.10 लाख रुपये ठग लिए। ठगों ने गिरफ्तारी वारंट जारी करने की धमकी दी और पुलवामा अटैक का डर दिखाकर पैसे अलग-अलग खातों में ट्रांसफर करवाए। पीड़ित ने साइबर क्राइम थाने में मुकदमा दर्ज कराया है, पुलिस जांच कर रही है।

जागरण संवाददाता, फतेहपुर। खुद को एटीएस चीफ बताकर साइबर ठग ने रेलवे सेवानिवृत्त कर्मचारी को डिजिटल अरेस्ट की तरह धमकाया कि मैं लखनऊ हेडक्वॉर्टर से बोल रहा हूं...तुम्हारे नाम मनी लाड्रिंग का केस दर्ज है तुमने अवैध तरीके से अर्जित की गई 70 करोड़ की धनराशि में 10 प्रतिशत कमीशन लिया है।
पीड़ित ने इनकार किया तो गिरफ्तारी वारंट जारी होने की बात कहकर पीड़ित से 41 लाख 10 हजार रुपये बैंक खातों में मंगा लिए। पीड़ित सेवानिवृत्त कर्मी की तहरीर पर साइबर क्राइम थाने में सूचना प्रोद्यौगिकी संशोधन अधिनियम के तहत धोखाधड़ी व जबरन वसूली का मुकदमा दर्ज किया है।
हुसेनगंज थाने के गुल्ला का पुरवा मजरे जमरावां गांव में रहने वाले 67 वर्षीय सेवानिवृत्त रेलवे कर्मी मोतीलाल यादव ने बताया कि 14 नवंबर 2025 को उनके मोबाइल में एक काल आई। कालर बोला कि वह लखनऊ पुलिस हेडक्वार्टर से बोल रहा है।
तुम्हारे ऊपर 70 करोड़ रुपये मनी लाड्रिंग का केस दर्ज है फिर दूसरी जगह फोन मिलाकर मुझसे बात कराई और 10 प्रतिशत कमीशन का 70 लाख रुपये रखने की जगह पूछने लगे और कहा कि तुम्हार खाता एचडीएफसी बैंक में है तो उसने इन्कार कर दिया। कहा कि आपके खातों की जांच रिजर्व बैंक आफ इंडिया करेगा इसलिए उनके पूछने पर उसने अपने पंजाब नेशनल बैंक, बैंक आफ बड़ौदा व यूपी ग्रामीण बैंक के खातों की जानकारी दे दी।
इसके बाद कालर ने अपने एटीएस चीफ सदानंद बसंत से बात कराई। चीफ प्रतिदिन आरटीजीएस के द्वारा पैसा अलग-अलग खातों में मंगाए। जिस खातों मेंं पैसा मंगाना होता था उसका विवरण उसके मोबाइल में भेजा। वाट्सएप काल में ही बात करते थे।
उम्र पूछकर सीनियर सिटीजन होने की बात कह परेशान न करने का झांसा दिया और 10 लाख में मकान गिरवी रखने को कहा। जिस पर वह ठगों के कहने पर 24 नवंबर 2025 को बैंक में लोन लेने गया तो फर्जी एटीएस चीफ के पास काल किया तो फोन बंद मिला। जिससे उसे ठगी का एहसास हुआ।
अपराधियों ने पुलवामा अटैक से डराया था
साइबर इंसपेक्टर सुनील कुमार सिंह ने बताया कि पीड़ित से पूछता में पता चला कि साइबर ठगों ने वाटसएप काल कर धमकी दी थी कि बीते दिनों जम्मू के पुलवामा में हुए अटैक का एक आतंकवादी आसिफ पकड़ा गया था जिसके पास से तुम्हारा आधारकार्ड मिला है, जबकि ऐसा कुछ नहीं था।
लेकिन सेवानिवृत्त कर्मी डरकर अपने कानपुर के पीएनबी बैंक समेत तीनों बैंकों से 41 लाख 10 लाख रुपये ठगों के बताए गए बैंक खाता नंबरों में भेज दिए। पीड़ित की ओर से मुकदमा दर्ज कर ठगों के मोबाइल नंबर बैंक खातों का विवरण संकलित किया जा रहा है। ठगों ने फर्जी एटीएस चीफ सदानंद बसंत के नाम से ठगी की है।

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