Fatehpur News: कैदी और कांस्टेबल का गठजोड़ सीसीटीवी में कैद, जेल में गांजा की सप्लाई
कैदियों को बैरक में गांजा आपूर्ति करने की सीसीटीवी फुटेज सामने आई है। मामला संज्ञान में आने के बाद कांस्टेबल को निलंबित करके कौशांबी से अटैच कर दिया गया है। -दो जुलाई की रात बैरक नं. 8 ए में सीसी कैमरे में कैद हो गया था। फुटेज की जांच दौरान मामला पकड़ में आया तो बैरक खंगाले गए।

जागरण संवाददाता, फतेहपुर। जेल में कैदियों को मादक पदार्थ हरी पत्ती (गांजा ) आपूर्ति करने के दौरान एक कांस्टेबल (बंदीरक्षक) सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया। फुटेज की जांच बाद मामला पकड़ में आने पर को जेल प्रशासन ने इसके पास से नशीली हरी पत्तियों के चार पैकेट जब्त कर प्रयागराज के नैनी सेंट्रल जेल को पत्राचार किया। नैनी के वरिष्ठ जेल अधीक्षक विजय विक्रम सिंह ने उक्त कांस्टेबल को निलंबित कर इसे कौशांबी कारागार में अटैच कर दिया है। कार्रवाई से जेल प्रशासन में खलबली मची हुई है।
जिला कारागार के 18 बैरकों में वर्तमान समय विभिन्न आरोपों में 855 विचाराधीन व सजायाफ्ता कैदी निरुद्ध हैं। बीते दो जुलाई 2025 को कांस्टेबल अनिल यादव रात आठ बजे के करीब बैरक नंबर 8 ए में कैदियों को नशीली हरी पत्ती पहुंचाने जा रहा था। कंट्रोल रूम के सीसीटीवी कैमरे में उक्त कांस्टेबल बैरक में बंदियों को पैकेट देते कैद हो गया।
जेल प्रशासन ने फुटेज देखने के बाद कांस्टेबल की जेब से चार पैकेट बरामद किए। इसके बाद प्रयागराज के नैनी सेंट्रल जेल को सूचना दी। बताते हैं कि सीसी कैमरे के फुटेज देखने के बाद नैनी सेंट्रल जेल के वरिष्ठ जेल अधीक्षक ने कांस्टेबल अनिल यादव को निलंबित कर जांच बैठा दी है।
सीसी कैमरे से बंदीरक्षकों पर नजर
जिला कारागार में निरुद्ध कैदियों के बीच पहले भी मादक पदार्थ पहुंचाने के आरोप लगते थे लेकिन इधर छह वर्षों से कोई पकड़ में नहीं आया। अब बंदीरक्षक अनिल यादव के पकड़े जाने के बाद जेल प्रशासन मिलाई करने वालों की कड़ी निगरानी रख रहा है और ड्यूटी में मुस्तैद बंदीरक्षकों पर सीसीटीवी कैमरे से निगरानी की जा रही है।
निलंबित बंदीरक्षक नशीली हरी पत्ती के पैकेट कहां से लाया और इसका उद्देश्य क्या था। हरी पत्ती में कौन सा नशा होता है, ये कौन सा मादक पदार्थ है, इसकी जांच नैनी सेंट्रल जेल की टीम कर रही है। सेंट्रल जेल से कांस्टेबल को निलंबित कर कौशांबी जिला कारागार में अटैच कर दिया गया है। अनवरत सभी बैरकों व कैदियों के कपड़ों की तलाशी भी कराई जाती है।
-अनिल कुमार, जेलर जिला कारागार।

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