बेसिक स्कूल की दीवार में लिखें जाएंगे बाल अधिकार
जागरण संवाददाता, फतेहपुर : बालकों के अधिकार को प्रभावी ढंग से क्रियान्वित करने के लिए श
जागरण संवाददाता, फतेहपुर : बालकों के अधिकार को प्रभावी ढंग से क्रियान्वित करने के लिए शासन ने निर्देश दिए हैं। सर्व शिक्षा अभियान के राज्य परियोजना निदेशक डॉ. वेदपति मिश्र ने बीएसए को निर्देशित किया है कि वह विद्यालयों की दीवारों में बाल अधिकार का अंकन करवाएं। जिससे कि अधिक से अधिक लोग बाल अधिकार को जान सकें और उसके लाभ से लाभान्वित हो सकें, ताकि शासन की मंशा पूरी हो सके।
बेसिक शिक्षा के प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों की दीवारों में बाल अधिकार जल्द की लिखा हुआ नजर आएगा। आकर्षक डिजाइन बनाकर इसके अंकन की तैयारी की गई है। जिले के 1902 प्राथमिक और 747 उच्च प्राथमिक विद्यालयों में इसको क्रियान्वित किए जाने के लिए बीएसए ने सभी खंड शिक्षाधिकारियों को पत्र जारी कर दिया है। बाल अधिकार लिखाने के साथ ही उसकी फोटो करते हुए निरीक्षण करने के आदेश दिए हैं। बीएसए शिवेंद्र प्रताप ¨सह ने बताया कि राज्य परियोजना निदेशक के आदेश की भरपाई इसी पखवारे में कर दी जाएगी।
यह हैं बाल अधिकार
-06 से 14 वर्ष के बच्चों को निश्शुल्क अनिवार्य शिक्षा का अधिकार।
-निर्धारित उम्र के आउट आफ स्कूल बच्चों को आयु के अनुसार कक्षा में प्रवेश विशेष प्रशिक्षण।
-प्रवेश के लिए जन्म-आयु प्रमाण पत्र की बाध्यता नहीं।
-प्रवेश के लिए टीसी की बाध्यता नहीं।
-सभी बच्चों को दोपहर के निश्शुल्क भोजन की व्यवस्था।
-स्वच्छ पेयजल एवं शौचालय की बालक-बालिकाओं की पृथक व्यवस्था।
-शारीरिक दंड व मानसिक प्रताड़ना पर रोक।
-विशिष्ट आवश्यकता वाले बच्चों के लिए विशेष शिक्षा, सहायक सामग्री एवं उपकरण आदि निश्शुल्क व्यवस्था।
-विद्यालय में जाति, धर्म अथवा ¨लग आधारित भेदभाव रहित वातावरण
-निश्शुल्क पाठ्य पुस्तकें एवं यूनीफार्म का वितरण। जनवाचन एवं प्रबंध समिति का नाम भी होगा दर्ज : बीएसए
बीएसए शिवेंद्र प्रताप ¨सह ने बताया कि विद्यालयों की दीवारों में बाल अधिकार को ¨बदुवार लिखा जाएगा तो जनवाचन एवं विद्यालय की प्रबंध समिति के पदाधिकारियों के नाम, पता, मोबाइल नंबर भी दर्ज किया जाएगा। जिससे जरूरत पड़ने पर आम जनता अथवा कोई भी व्यक्ति संपर्क कर सकेगा। कुंभ मेले में विद्यालयों को ठहराव स्थल बनाया जा रहा है। कुंभी यात्री लिखे मोबाइल नंबर में संपर्क करके विद्यालय के जिम्मेदारों के संपर्क में आ सकेंगे। अन्य किसी जांच आदि के मौके पर मोबाइल नंबर आदि न मिलने की दिक्कत भी खत्म होगी।
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