मीर ने विष के प्याले को अमृत कर डाला
बिंदकी कार्यालय: क्षेत्र के छीछा गांव में चल रहे नौ दिवसीय श्री शतचंडी महायज्ञ, रासलीला व रामकथा के चौथे दिन श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जुटी। वृंदावन से आए कलाकारों द्वारा मीरा के कृष्ण प्रेम का सुंदर मंचन किया गया। मीरा को जान से मार डालने के लिये उसके ससुराल में जहर भरा विष प्याला पीने को दिया जाता है। भगवान श्रीकृष्ण की प्रेम दीवानी मीरा विष प्याले को पी जाती है। लेकिन विष का असर मीरा पर जरा सा भी नहीं पड़ता है।
छीछा गांव के अखंडेश्वर अखंड धाम में सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ आने लगी थी। यज्ञ वेदियों में मंत्रोच्चारण के बीच आहूतियां दी गई। रासलीला के कलाकारों द्वारा चौथे दिन भक्त मीराबाई का सुंदर मंचन किया गया। पति की मौत बाद मीराबाई भगवान श्रीकृष्ण भक्त हो जाती हैं। रात दिन श्री कृष्ण के प्रेम में डूबी रहती हैं। श्रीकृष्ण भगवान की मूर्ति को लेकर इधर उधर घूमती रहती हैं। यह बात मीरा के ससुराल वालों को नहीं भायी और उन्होंने मीरा के मारने के लिये उसे विष से भरा प्याला पीने को मजबूर किया। मीरा ने विष प्याले का पान किया लेकिन भगवान श्रीकृष्ण की भक्त मीरा पर विष का असर नहीं पड़ा। यह भक्ति और प्रेम का मनोरम मंचन देख उपस्थित श्रद्धालुगण भाव विभोर हो गये।
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