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    लिखने की प्रैक्टिस अच्छे अंकों की गारंटी

    By Edited By:
    Updated: Wed, 11 Feb 2015 06:21 PM (IST)

    फतेहपुर, जागरण संवाददाता : सदियों पुराना घटनाक्रम इतिहास विषय के अंदर संजोया रहता है। इसी का पठन-पाठ

    फतेहपुर, जागरण संवाददाता : सदियों पुराना घटनाक्रम इतिहास विषय के अंदर संजोया रहता है। इसी का पठन-पाठन होता है। परीक्षक को सब कुछ कंठस्थ रहता है। इसलिए गुमराह करने की कोशिश कतई नहीं करनी चाहिए। इस विषय में पूर्व की तैयारी ही अच्छा परिणाम लेकर आती है। ईसवी, वर्ष आधारित पढ़ाई अंक का आधार बनती है। इसके लिए शार्ट नोट बुक का सहारा लें। नोट बुक में घटनाक्रम को नोट करें और समय मिलने पर बार-बार दोहराएं। सुबह और शाम को एकांत में की गई पढ़ाई लाभकारी होती है। याद करने के साथ लिखने की प्रवृत्ति होनी चाहिए।

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    सर्वोदय इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य और इतिहास प्रवक्ता अखिलेश चंद्र द्विवेदी कहते हैं कि अनसॉल्व पेपर के प्रश्नों से तैयारी करें और फिर एकांत में बैठकर निर्धारित अवधि में पेपर हल करें। ऐसा करना परीक्षा में बेहद सहायक होगा। विभिन्न पाठ से दो-तीन विस्तृत उत्तरीय प्रश्न इस प्रकार याद करें जिसके आधार पर अन्य प्रश्नों के उत्तर लिखे जा सकें।

    प्रश्नपत्र का ऐसा होगा स्वरूप :

    इतिहास विषय में दो प्रश्नपत्र आते हैं। प्रत्येक पेपर में एक-एक नंबर के पांच प्रश्न बहुविकल्पीय प्रश्न आते हैं जबकि एक-एक नंबर के पांच अति लघु उत्तरीय प्रश्न होंगे जिनका जवाब 10 शब्दों में देना होता है। दो-दो नंबर के पांच लघु उत्तरीय प्रश्न होंगें। जिनका उत्तर अधिकतम 50 शब्दों में देना होता है। इतिहास में बड़े उत्तर लिखने की प्रैक्टिस अधिक नंबर की गारंटी है क्योंकि 50 नंबर के प्रत्येक पेपर में 30 अंक दीर्घ उत्तरीय प्रश्न होते हैं। चार-चार नंबर के तीन दीर्घ उत्तरीय प्रश्न होंगे। जिन्हें अधिकतम शब्दों में लिखना होगा। जबकि छ:-छ: अंक के तीन विस्तृत उत्तरीय प्रश्न पूछे जाएंगे। जिनका उत्तर 300 शब्दों में लिखना है। विस्तृत उत्तरीय प्रश्नों में छ: प्रश्न होंगे जिनमें तीन प्रश्नों के उत्तर देना होगा।

    परीक्षा में इसका रखें ध्यान

    परीक्षार्थियों को उत्तर लिखते समय शब्द सीमा का ध्यान रखना होगा। इससे समय बचेगा। उत्तर साफ-सुथरी राइटिंग में लिखें। प्रश्नों के उत्तर जरूरत के मुताबिक ही लिखें। प्रश्न सभी अध्याय से पूछे जाते हैं। उत्तर को हेडिंग डालकर क्रमबद्ध तरीके से लिखें। जिस प्रश्न का उत्तर अच्छी तरीके से याद हो उसे पहले लिखें। किसी भी प्रश्न को छोड़ें नहीं। यदि समय नहीं बचा है तो संक्षिप्त उत्तर ही लिख दें। प्रश्नोत्तर संख्या अंत में जरूर जांचें।