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    तीन दशक से राजनीति में सक्रिय थे कासिम

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    Updated: Mon, 30 Dec 2013 10:14 PM (IST)

    बिंदकी अंप्र : तीन दशक तक राजनीति में सक्रिय रहे विधायक सैय्यद कासिम हसन अपनी बेबाक टिप्पणियों के लिए जाने जाते रहे। विधायक का ताल्लुक जमींदार परिवार से रहा। जहानाबाद कस्बे में उनके पैतृक आवास में जब भी पहुंचते वहां दरबार लगता रहा। उनकी पंचायत में फैसले भी होते रहे। वर्तमान में उनकी पत्‍‌नी जहानाबाद नगर पंचायत से चेयरमैन हैं।

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    विधायक कासिम हसन पहली बार 1977 में जनता पार्टी के टिकट पर जहानाबाद से विधायक बने। जब पूरे देश में वीपी सिंह का जादू चला तो कासिम फतेहपुर सदर सीट से 1989 में विधायक चुने गए। इसके फिर बसपा प्रत्याशी के रूप में जहानाबाद से 1996 में चुनाव लड़े और विधायक बने। वर्ष 2012 में समाजवादी पार्टी के टिकट पर फतेहपुर सदर सीट से विधायक बने। इधर सदर विधान सभा सीट से विधायक चुने जाने के बाद भी जहानाबाद कस्बे के अहम् मामलों में उनकी पंचायत पर ही फैसले होते रहे। उनकी पंचायत के फैसलों की लोग चौपालों में चर्चा करते थे। बसपा छोड़ने के बाद राजनीति के उतार में उनके सामने पारिवारिक विवाद को मोहरा बनाकर राजनैतिक विरोधियों ने घेरा। हालंाकि यह दौर बहुत दिन नहीं चला। समय ने पल्टी मारी और फिर उनका सिक्का चलने लगा। राजनीति में जमीनी पकड़ वाले नेता माने जाने वाले नेता की उनकी बिरादरी में गहरी पैठ रही।

    बदले दल और पाई कुर्सी

    कासिम हसन एक मंझे हुए सियासी खिलाड़ी थे। हवा का रुख देखकर वह दल बदलते थे और कुर्सी भी हासिल करते रहे। जनता पार्टी से राजनीति शुरू करने वाले श्री हसन ने जनता दल, बहुजन समाज पार्टी व समाजवादी पार्टी का दामन थामा और इन चारों दलों के झंडे को पकड़कर चार बार विधानसभा पहुंचे।

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