SIR in UP: 2003 में वोट तो किया था फिर क्यों नहीं मिल रहा लिस्ट में नाम? मतदाता हुए परेशान
फर्रुखाबाद में एसआईआर अभियान के दौरान मतदाता सूची में बदलाव से मतदाताओं को परेशानी हो रही है। 2008 के परिसीमन के बाद कई क्षेत्र बदल गए हैं, जिससे 2003 की सूची में नाम ढूंढना मुश्किल हो गया है। मैपिंग और डिजिटाइजेशन का काम भी धीमा चल रहा है, जिससे मतदाताओं में भ्रम की स्थिति है। बीएलओ बूथों पर मौजूद रहकर मतदाताओं की मदद कर रहे हैं।
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जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद। जिले में चल रहे एसआइआर अभियान में मतदाताओं को समस्या आ रही है। वर्ष 2008 के परिसीमन के बाद कई गांव और मोहल्ले पुराने विधानसभा क्षेत्रों से हटकर नए क्षेत्रों में शामिल हुए, जिससे 2003 की सूची में नाम ढूंढना ही मुश्किल हो गया है।
रही-सही कसर अभियान के दौरान 2003 की लिस्ट में हुए अचानक बदलाव ने पूरी कर दी। लोग जो फार्म पहले भर चुके थे, उनके गलत होने का डर अब उन्हें दोबारा फार्म भरने पर मजबूर कर रहा है।
मैपिंग केवल 50 प्रतिशत तक हो पाई है और डिजिटाइजेशन मात्र 22 प्रतिशत पर अटका है। बीएलओ पर काम का दबाव है और मतदाता लगातार शिकायत कर रहे हैं कि उन्हें सही मार्गदर्शन नहीं मिल पा रहा।
प्रदेश में 2008 के परिसीमन के बाद विधानसभा क्षेत्रों की तस्वीर पूरी तरह बदल गईं। पुराने कमालगंज और मोहम्मदाबाद क्षेत्र समाप्त हो गए, और अमृतपुर व भोजपुर नए विधानसभा क्षेत्र बने। अधिकांश गांव पहले किसी और विधानसभा क्षेत्र में थे, अब किसी और में शामिल हैं। ऐसे में 2003 की सूची में अपना नाम खोजना ही लोगों के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन गया है।
नए मतदाताओं को तो पता ही नहीं है कि वर्ष 2003 में उनका गांव कहां था। वहीं महिलाओं के मायके के रिकार्ड तलाशने में भी दिक्कत है। मतदाताओं की उलझन तब और बढ़ गई जब एसआइआर के बीच ही 2003 की वोटर लिस्ट को अपडेट कर दिया गया। कई लोग बीएलओ को पहले उपलब्ध कराई गई सूची के आधार पर फार्म भर चुके थे।
अब नई सूची में क्रम बदलने से उन्हें आशंका है कि उनका फार्म ही गलत भर गया। कई जगह बीएलओ खुद भी पुराने और नए क्रमांक में अंतर समझाने का प्रयास कर रहे हैं।
आधे मतदाताओं की हो सकी मैपिंग, डिजिटाइजेशन बेहद धीमा
जिले के 13,98,009 मतदाताओं में से केवल 7,03,494 का ही 2003 की सूची से मिलान हो पाया है। कायमगंज में 48.44 प्रतिशत, अमृतपुर में 51.56 प्रतिशत, फर्रुखाबाद में 45.27 प्रतिशत और भोजपुर में 57.20 प्रतिशत मैपिंग हुई है।
शेष मतदाताओं का फार्म नए सिरे से भरा जा रहा है। वहीं अब तक वितरित 13,92,307 फार्मों में से अब तक केवल 3,03,761 का ही डिजिटाइजेशन हो सका है जोकि सिर्फ 22 प्रतिशत है। कई बीएलओ बता रहे हैं कि लोगों के घरों में मिलने में कठिनाई और दस्तावेजों के अभाव के कारण काम तेजी नहीं पकड़ पा रहा।
सदर क्षेत्र में सर्वाधिक मृतक व शिफ्टेड
विशेष पुनरीक्षण में अब तक 26,619 ऐसे नाम मिले हैं जो मृतक, स्थायी रूप से शिफ्टेड या अनुपस्थित श्रेणी में आते हैं। सबसे अधिक 9,263 नाम केवल सदर फर्रुखाबाद क्षेत्र में हैं। जबकि कायमगंज में 7,377, अमृतपुर में 3,624 और भोजपुर में 6,355 ऐसे मतदाता अब तक निकले हैं, जिनके फार्म जमा नहीं हो सकेंगे।
“किशोरावस्था से दिल्ली में रहकर मजदूरी करते थे। कोविड महामारी के दौरान दिल्ली से अपने गांव आ गए थे। दिल्ली में रहने के दौरान वोट कट गया। अब बीएलओ ने फार्म ही नहीं दिया है। पहले परिवार का नाम किस बूथ पर था, उन्हें यह भी नहीं पता है। फार्म ही नहीं भर पा रहे हैं।”
लालिया सिंह, मीरा दरवाजा“परिवार के कई सदस्यों के फार्म नहीं भर पा रहे हैं। बीएलओ कई बार चक्कर काट चुकी हैं। परिवार की कई महिलाओं के मायके वालों के नाम ही वर्ष 2003 की सूची में नहीं मिल रहे हैं। बहुओं के मायके वालों से लगातार संपर्क में हैं। परिसीमन में विधानसभा क्षेत्र बदलने से भी समस्या आ रही है।”
दिलीप कुमार शमसाबाद।मतदाता सूची बदलने से कोई खास समस्या नहीं है। फार्म नई सूची के आधार पर सही हो जाएंगे। डिजिटाइजेशन 22 प्रतिशत हो चुका है, समय पर काम पूरा कर लिया जाएगा।
अरुण कुमार सिंह, अपर जिलाधिकारी।
आज फिर बूथों पर मौजूद रहेंगे बीएलओ, छूटे लोग भरें फार्म
विशेष प्रगाढ़ पुनरीक्षण (एसआइआर) अभियान तेज करने के लिए प्रशासन ने नए आदेश जारी किए हैं। चार नवंबर से चार दिसंबर तक चल रहे इस अभियान में बीएलओ घर-घर फार्म बांटने, संग्रह करने और बीएलओ ऐप पर अपलोड करने का काम कर रहे हैं।
प्रगति बढ़ाने के लिए 25 नवंबर (मंगलवार) को अवकाश के बावजूद जनपद के सभी मतदेय स्थल खुले रहेंगे। सभी बीएलओ को बूथ पर उपस्थित रहेंगे। नगर निकाय क्षेत्रों में वार्डवार विशेष हेल्प डेस्क और कैंप लगाए जाएंगे, जिनमें निकाय कर्मचारी, सभासद, चेयरमैन तथा ब्लाक और ग्राम स्तरीय अधिकारी भी मौजूद रहेंगे।
जिलाधिकारी आशुतोष कुमार द्विवेदी ने बताया कि अधिकारी अपने-अपने क्षेत्रों में भ्रमण कर फार्मों के संग्रह और डिजिटलाइजेशन को तेज कराएंगे। मतदाता अपने बूथ के बीएलओ से संपर्क कर मंगलवार को फार्म जमा कर सकेंगे।
उन्होंने कहा कि गणना प्रपत्र भरकर जमा करने में नागरिकों को अपनी जिम्मेदारी पूरी करनी चाहिए। क्योंकि फार्म जमा करने के बाद उनकी तय समय में फीडिंग भी करनी है। यदि फार्म नहीं भरेंगे तो उनका वोट कैसे बनेगा। इसलिए सभी लोग बीएलओ के संपर्क कर फार्म भरकर जल्द से जल्द जमा करें।

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