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    UP Flood: उत्तर प्रदेश में गंगा में उफान, फर्रुखाबाद में 82 गांव में बिजली व स्कूल बंद, 40 हजार लोग प्रभावित

    By Anand Mishra Edited By: Anurag Shukla1
    Updated: Sun, 10 Aug 2025 10:06 PM (IST)

    UP Flood फर्रुखाबाद में गंगा नदी में आई बाढ़ से हाहाकार मचा है। 49 गांव डूब गए हैं और 50 स्कूलों को बंद करना पड़ा है। जिलाधिकारी ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और राहत कार्यों के निर्देश दिए। जिले के 49 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं जिससे 40903 लोग प्रभावित हुए हैं।

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    चित्रकूट डिप पर बह रहे बाढ़ के पानी से निकलतीं महिलाएं। जागरण

    जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद। उत्तर प्रदेश में बाढ़ से हर तरफ हाहाकार मचा है। गांव डूब रहे हैं। लोगों को घर छोड़ना पड़ रहा है। बाढ़ के पानी में डूबने से मौत के आंकड़े लगातार बढ़ते जा रहे हैं। पहले यमुना और अब गंगा का उफान तबाही मचा रहा है। फर्रुखाबाद में गंगा के बाढ़ में 49 गांव डूब गए हैं। 50 स्कूलों को बंद कर दिया गया है।

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    जिलाधिकारी आशुतोष कुमार द्विवेदी और पुलिस अधीक्षक आरती सिंह ने सोमवार को अधिकारियों और एनडीआरएफ टीम के साथ बाढ़ से प्रभावित अमृतपुर तहसील के कई गांवों का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया। अफसरों ने मौके पर ग्रामीणों से संवाद कर उनकी समस्याएं सुनीं और राहत व सुरक्षा व्यवस्था के लिए विभागों को आवश्यक निर्देश दिए। चित्रकूट डिप पर बाढ़ के पानी की तेज धार में वाहनों को निकलता देख उन्होंने बैरिकेड्स लगाकर आवागमन बंद करने को कहा।

    UP Flood Farrukhabad

    गांव आशा की मड़ैया में मोटरवोट से बाढ़ का जायजा लेते जिलाधिकारी आशुतोष कुमार द्विवेदी व पुलिस अधीक्षक आरती सिंह। जागरण

    डीएम ने बताया कि बाढ़ से जनपद के 49 गांव प्रभावित हैं। बाढ़ से घिरे गांवों में नाव उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं। बाढ़ पीड़ितों को चिह्नित कर राहत सामग्री वितरित करने को कहा गया है। पीड़ितों को हर संभव मदद दी जाएगी। तहसील के अधिकारियों को बाढ़ प्रभावित गांवों का भ्रमण कर पीड़ितों की समस्याओं के निस्तारण करने के निर्देश दिए गए हैं।

    जिला समन्वयक (आपदा प्रबंधन) आयुष्मेंद्र परिहार ने बताया कि वर्तमान में जनपद में 49 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं, जिनमें लगभग 40,903 लोग प्रभावित हैं। राहत एवं बचाव कार्य के लिए कुल 69 नावें लगाई गई हैं, जिनमें से 31 अमृतपुर तहसील में कार्यरत हैं। पशुओं के लिए 11 शिविर स्थापित किए गए हैं, जहां 97 पशुओं का उपचार और 6,408 पशुओं का टीकाकरण किया गया है। मानव स्वास्थ्य सेवाओं के अंतर्गत 111 मेडिकल टीमों ने अब तक 181 चिकित्सा शिविर लगाए हैं, जिनमें 8,230 लोगों का उपचार हुआ है। इसके अतिरिक्त 4,928 ओआरएस पैकेट और 7,783 क्लोरीन टैबलेट के पैकेट वितरित किए गए हैं। 28 गांवों में मच्छरनाशक दवाओं का भी छिड़काव कराया गया है।

    आंकड़े

    • श्रेणी - संख्या
    • प्रभावित कुल गांव - 49
    • तहसील अमृतपुर के गांव - 19
    • तहसील कायमगंज के गांव - 26
    • तहसील सदर के गांव - चार
    • प्रभावित जनसंख्या - 40,903
    • नावें कुल - 69
    • पशु शिविर - 11
    • उपचारित पशु - 197
    • टीकाकरण पशु - 6408
    • स्वास्थ्य विभाग की मेडिकल टीमें - 111
    • चिकित्सा शिविर - 181
    • उपचारित लोग - 8230
    • ओआरएस पैकेट - 4928
    • क्लोरीन टैबलेट पैकेट - 7783
    • लार्वीसाइडल छिड़काव वाले गांव - 28

    बाढ़ का पानी बढ़ने से 50 स्कूल हो गए बंद

    गंगा का जलस्तर बढ़ने से कई गांवों तक पानी पहुंचने से आवागमन प्रभावित हो गया है। इससे रास्ते में पानी भरा होने से 50 स्कूल बंद हो गए हैं। बढ़पुर ब्लाक क्षेत्र के 12, राजेपुर ब्लाक क्षेत्र के 19, शमसाबाद ब्लाक क्षेत्र के नौ और कायमगंज में कंपिल क्षेत्र के 11 स्कूल में जाने के रास्ते पर पानी भर गया है। कुछ स्कूल के परिसर तक पहुंच गया है। प्रभारी बीएसए अनुपम अवस्थी ने बाढ़ प्रभावित वाले इलाकों के स्कूलों के शिक्षकों को पास के विद्यालय में उपस्थिति और शिक्षण कार्य कराने का आदेश खंड शिक्षा अधिकारियों को दिया है।

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    गांव समैचीपुर चितार में झोपड़ियों में भरा बाढ़ का पानी। जागरण

    82 गांव की बिजली बंद

    बाढ़ का पानी तराई क्षेत्र के कई गांवों में अंदर तक पहुंच गया है। रास्तों पर भी बाढ़ का पानी चलने से आवागमन में दिक्कत हो रही है। वहीं हुसैनपुर तराई उपकेंद्र के निकट बाढ़ का पानी पहुंच गया है। जिससे क्षेत्र के 42 गांव की बिजली बंद है। वहीं कंपिल क्षेत्र के भी 40 गांव की बिजली बंद कर दी गई है। अगर बाढ़ का पानी और बढ़ा तो उपकेंद्र के अंदर तक पहुंच जाएगा। बाढ़ का पानी समैचीपुर, जटपुरा, कैलियाई, जैतपुर, अचानकपुर, कटरी तौफीक के रास्तों के साथ ही अंदर झोपड़ियों में पहुंच गया है। जिससे लोगों की समस्याएं बढ़ गई हैं। ग्रामीणों के सामने खाना बनाने और मवेशियों के चारे की समस्या हो गई है। मवेशियों को बांधने की भी जगह नहीं बची है। जिससे कुछ लोग मवेशी लेकर सड़क किनारे पहुंच गए हैं।

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    गांव मधवापुर से सुरक्षित स्थान पर जाते ग्रामीण। जागरण

    यहां मार्ग कटा

    शाहजहांपुर जाने वाले मार्ग पर गांव चौरा के निकट सड़क पर बाढ़ का पानी अधिक हो जाने से रास्ता बंद है। चौरा से भगवानपुर जाने वाले मार्ग पर सड़क कट गई है। जनपद शाहजहांपुर थाना मिर्जापुर गांव इस्लामनगर निवासी भूरे शनिवार देर रात अपना ट्रैक्टर लेकर गांव जा रहे थे। तभी ट्रैक्टर का पहिया गड्ढा में चला गया औद पलट गया।

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    बदायूं पर चित्रकूट डिप पर बाढ़ के पानी से निकलतीं कारें। जागरण

    नाव को लगाया गया

    लेखपाल पंकज कुमार ने बताया कि चौरा के पास दो नाव लगी हुई है। कुछ पड़ोसी गांव के लोग जिन्हें रास्ता की जानकारी है वही निकल जाते हैं। रास्ता बंद कराया गया है, उसके बाद भी लोग नहीं मान रहे हैं। ग्रामीणों से बाढ़ शरणालय पहुंचने के लिए कहा जा रहा है, लेकिन वह जाने को तैयार नहीं हैं।

    35 गांव की बिजली आपूर्ति पहले बंद

    वहीं बाढ़ का पानी हुसैनपुर तराई उपकेंद्र के चारों तरफ पहुंच गया है। जिससे रामसहाय नगला, कन्हैया नगला, भिड़ौर, सेवानगला, छगन नगला, डाल नगला, सिरमौरा तराई, बरी नगला, अमलापुर गांव की विद्युत आपूर्ति बंद कर दी गई है, जबकि 35 गांव की आपूर्ति पहले से बंद है। जेई जुनेद आलम ने बताया कि अभी उपकेंद्र के अंदर पानी नहीं भरा है। अगर अंदर आ जाएगा तो समस्या होगी। वहीं कंपिल क्षेत्र के राईपुर चिनहटपुर, इकलहरा, पुंथर देहामाफी, पथरामई, पलीतपुरा, बहबलपुर, मधवापुर, टपुआ, चौडेरा, कमरुद्दीनपुर सहित 40 गांव की बिजली भी बंद कर दी गई है।

    शहर की कांशीराम कालोनी हैवतपुर गढ़िया में घुसने लगा पानी

    गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ने से तहसील सदर के बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में लोगों की दुश्वारियां बढ़ती जा रही हैं। वहीं शहर की कांशीराम कालोनी हैवतपुर गढ़िया में भी जल निकासी वाले पाइप से बाढ़ के पानी के साथ गंदगी घुसने लगी है। इससे कालोनी में भी समस्या बढ़ी है। कटरी क्षेत्र के गांव पंखियन की मड़ैया व पृथ्वीपुर सहित कई गांव रविवार दोपहर बाद पानी से पूरी तरह घिर गए। बिलावलपुर पुलिया पर तेज धार के साथ करीब तीन फीट तक पानी बह रहा है। जिससे ग्रामीण नाव के सहारे आवागमन कर रहे हैं। तहसीलदार सदर सनी कनौजिया ने बताया कि बाढ़ की स्थिति पर नजर रखी जा रही है। आवश्यकता पड़ने पर राहत सामग्री उपलब्ध कराई जाएगी।

    नावों से सुरक्षित स्थान पर जा रहे ग्रामीण

    गंगा में लगातार छोड़े जा रहे पानी से कई गांव प्रभावित हो गए हैं। कुछ ग्रामीण अब सुरक्षित स्थान पर जाने लगे हैं। बदायूं मार्ग पर पुलिया क्षतिग्रस्त हो गई है। जिससे आवागमन बंद कर दिया गया है। गांव मधवापुर, अहिवरन नगला, मिस्तनी, पथरामई, बंगश नगर, हमीरपुर मजरा जात, टपुआ चौडेरा सहित कई गांवों के संपर्क मार्ग कट गए हैं। मिस्तनी व बहबलपुर मार्ग पर पुल के पास सड़क लगातार कट रही है। नाव न होने से ग्रामीण निकलने को मजबूर है।

    गंगा व रामगंगा उफनाईं, गांवों में दुश्वारियों की बाढ़

    पहाड़ी इलाकों में हो रही वर्षा व बैराजों से अधिक पानी छोड़े जाने से गंगा व रामगंगा उफनाने लगी हैं। तटवर्ती गांव बाढ़ के पानी से घिर गए हैं। ग्रामीण नाव के सहारे व बाढ़ के पानी में जान जोखिम में डालकर आवाजाही कर रहे हैं। घरों में पानी भर जाने से लोग मकान की छतों व सड़क के किनारे मोमिया के नीचे गुजर करने को मजबूर हैं। खेतों में खड़ी फसलें जलमग्न हो गई हैं। ग्रामीणों के सामने मवेशियों के चारे की समस्या बढ़ गई है।

    नरौरा बांध से छोड़ा गया पानी

    गंगा का जलस्तर पांच सेंटीमीटर बढ़कर समुद्र तल से 137.25 मीटर ऊंचाई पर पहुंच गया है। गंगा का खतरे का निशान 137.10 मीटर दर्ज है। रविवार को केंद्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक नरौरा बांध से 3,05,041 क्यूसेक पानी गंगा में छोड़ा गया है। जिससे गंगा के जलस्तर में और वृद्धि होने की आशंका है। रामगंगा का जलस्तर 45 सेंटीमीटर बढ़कर चेतावनी रेखा के करीब 136.35 मीटर ऊंचाई पर पहुंच गया है। रामगंगा का चेतावनी बिंदु 136.60 मीटर दर्ज है। खो, हरेली व रामनगर से रामगंगा में 11,467 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। जिससे रामगंगा के जलस्तर में वृद्धि होने की आशंका बढ़ गई है। गंगा की बाढ़ से तीसराम की मड़ैया, बंगला, भुड्डन की मड़ैया, सैदापुर सहित अनेक गांव प्रभावित हो गए हैं। तहसीलदार अभिषेक कुमार ने बताया कि बाढ़ से 2812 परिवार प्रभावित हो गए हैं। 17 बाढ़ प्रभावित गांवों में आवागमन के लिए 24 नाव लगाई गई हैं।

    चित्रकूट डिप पर बैरिकेड्स लगाकर आवागमन रोका

    चित्रकूट डिप पर करीब तीन फीट पानी तेज धार से बह रहा है। पानी के तेज बहाव के बाद भी वाहनों का आवागमन हो रहा था। दोपहिया वाहन फिसलकर गिर जाते थे। डीएम ने रविवार को चित्रकूट डिप का निरीक्षण किया। डीएम आशुतोष कुमार द्विवेदी के आदेश के बाद शाम को ट्रैफिक प्रभारी सत्येंद्र कुमार ने डिप के दोनों तरफ बैरिकेड्स लगाकर वाहनों का आवागमन बंद करा दिया। ट्रैफिक प्रभारी ने बताया कि वाहनों को जमापुर में रोककर डबरी से निकाला जाएगा। डिप के दोनों तरफ बैरिकेड्स पर पुलिस तैनात कर दी गई है।