UP News: फर्रुखाबाद में सवा लाख की नकली करंसी के साथ पांच युवक गिरफ्तार, पुलिस को गिरोह के सरगना की तलाश
शहर में इन दिनों नकली नोट का चलन बढ़ा हुआ जिसके गिरोह को पुलिस ने पर्दाफाश किया है। नकली नोट छापकर बाजार में चलाने वाले पांच युवकों को गिरफ्तार किया है लेकिन पुलिस के हाथ उनका सरगना नहीं लगा है। उसकी तलाश में छापेमारी की जा रही है। पकड़े गए युवकों से 1.27 लाख रुपये के नकली नोट डेस्क प्रिंटर मुहरें आदि बरामद की गई हैं।

फर्रुखाबाद, जागरण संवाददाता: शहर में इन दिनों नकली नोट का चलन बढ़ा हुआ, जिसके गिरोह को पुलिस ने पर्दाफाश किया है। नकली नोट छापकर बाजार में चलाने वाले पांच युवकों को गिरफ्तार किया है, लेकिन पुलिस के हाथ उनका सरगना नहीं लगा है। उसकी तलाश में छापेमारी की जा रही है। पकड़े गए युवकों से 1.27 लाख रुपये के नकली नोट, डेस्क प्रिंटर, मुहरें आदि बरामद की गई हैं।
पुलिस की स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) व सर्विलांस सेल की टीम ने कादरीगेट थाना क्षेत्र के मोहल्ला अंडियाना में संचालित नकली नोट छापकर बाजार में चलाने वाले गिरोह का पर्दाफाश करते हुए मोहल्ला लालगेट, बस स्टैंड सामने रहने वाले युवक सौरभ सुमंत, हैबतपुर गढ़िया निवासी सौरभ यादव, सूरज उर्फ सूर्या उर्फ प्रदीप यादव, खानपुर निवासी मुकेश शाक्य, राजेपुर थाना क्षेत्र के गांव सुनील को गिरफ्तार कर लिया।
यह सामान हुआ बरामद
पकड़े गए इन युवकों के पास 1.27 लाख कीमत रुपये के 500, 200 व 100-100 के नकली नोट, 3100 रुपये असली, 11 पेज छपे नोट, एक डेस्कटॉप कलर प्रिंटर, एक झोला कतरन, कांच के चौकोर टुकड़े, इलेक्ट्रिक प्रेस, महात्मा गांधी के चित्र वाली चार मुहरों के अलावा और एक कार भी बरामद की है।
40 प्रतिशत दाम में बेचते थे नोट
पुलिस अधीक्षक विकास कुमार ने बताया कि आरोपी नकली नोट छापकर उसे बाजार में चलाते थे, जो असली रुपये बरामद हुए हैं, वह इन लोगों ने नकली नोटों को बाजार में चलाकर अर्जित किए थे। आरोपी नकली नोट को उसकी कीमत का 40 प्रतिशत असली रुपये लेकर लोगों को देते थे। पुलिस ने पूछताछ के बाद पकड़े गए पांचों आरोपितों के खिलाफ कादरी गेट थाने में मुकदमा दर्ज कर दोपहर बाद चालान कर न्यायालय में पेश किया। वहां से उसे जेल भेज दिया गया।
असली नोटों की गड्डियों में लगा देते थे नकली नोट
पुलिस हिरासत में मौजूद सौरभ सुमंत और सौरभ यादव ने बताया कि वह लोग घर पर ही प्रिंटर से नोट छापते थे। छापने के बाद उन नोटों को असली नोटों की गड्डियों के बीच में लगा देते थे। यह काम कुछ ही महीने से शुरू किया था। नकली नोटों से होने वाली कमाई को वह अपने शौक को पूरा करने में खर्च कर देते थे।
पुलिस ने दो लोगों को पूछताछ के बाद छोड़ा
पुलिस ने इस मामले में एक नर्सिंग होम के संचालक व उसके साथी को भी पकड़ा था। लंबी पूछताछ के बाद दोनों को छोड़ दिया गया। इस संबंध में तरह-तरह की चर्चाएं हो रही हैं।

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