40 हजार बच्चों को यूनिफार्म बनवाने को करना होगा इंतजार, इस जिले के 1576 परिषदीय स्कूलों में 1.26 लाख पंजीकरण
फर्रुखाबाद के बेसिक शिक्षा विभाग में 40 हजार छात्रों को यूनिफार्म के लिए इंतजार करना होगा। 1.26 लाख पंजीकृत बच्चों में से 86 हजार अभिभावकों को डीबीटी के माध्यम से पैसे भेजे गए हैं। आधार कार्ड की समस्या के कारण 8 हजार से अधिक बच्चे योजना से वंचित हैं। अधिकारी जल्द ही बाकी बच्चों को भी लाभ पहुंचाने की बात कह रहे हैं।

जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद। बेसिक शिक्षा विभाग के परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाले 40 हजार नौनिहालों को यूनिफार्म बनवाने के लिए इंतजार करना होगा। डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) से पंजीकृत 1.26 लाख बच्चों में से 86 हजार के अभिभावकों के खातों में रुपये भेजे गए हैं।
बेसिक शिक्षा विभाग के परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाले प्रत्येक बच्चे को दो सेट यूनिफार्म, जूता-मोजा, स्वेटर, बैग और स्टेशनरी खरीदने के लिए 1200 रुपये प्रति वर्ष मिलते हैं। यह रुपये डीबीटी के माध्यम से बच्चों के अभिभावक के खाते में सीधे भेजे जाते हैं।
एक अप्रैल 2025 को नया शैक्षिक सत्र प्रारंभ हो गया था। जिले में 1576 परिषदीय विद्यालयों में 1.26 लाख बच्चे अभी तक पंजीकृत हुए हैं। इसमें 1.15 लाख बच्चों और 1.23 लाख अभिभावकों का आधार सत्यापन हो चुका है।
3586 बच्चों के अभिभावकों का आधार उनके खाता से लिंग नहीं हैं। परिषदीय स्कूलों में पंजीकृत 1.26 लाख बच्चों में से 86 हजार के अभिभावकों के खातों में 1200-1200 रुपये यूनिफार्म बनवाने के लिए भेजे गए हैं।
ग्रीष्मकालीन अवकाश समाप्त होने से विद्यालय खुल गए और बच्चे आना शुरू हो गए हैं। अभी 40 हजार बच्चों की यूनिफार्म बनवाने के लिए उनके अभिभावकों को रुपये नहीं मिले हैं।
इन बच्चों के अभिभावकों को अभी और इंतजार करना होगा। इससे अधिकांश बच्चे यूनिफार्म पहन कर या बगैर यूनिफार्म के स्कूल जा रहे हैं।
आठ हजार से अधिक छात्रों के नहीं बने आधार कार्ड
परिषदीय स्कूलों में दाखिला लेने वाले बच्चों के आधार कार्ड बनाने के लिए ब्लाक संसाधन केंद्रों पर सभी उपकरण हैं, लेकिन कर्मचारी उन्हें चलाना नहीं जानते हैं। इससे परिषदीय स्कूलों के आठ हजार से अधिक बच्चों का आधार कार्ड अभी नहीं बना है। योजना का लाभ पाने के लिए आधार कार्ड होना आवश्यक है। अगर आधार कार्ड नहीं बना तो बच्चों को योजना का लाभ नहीं मिलेगा।
यूनिफार्म बनवाने के लिए अभिभावकों के खातों में शासन से में सीधे रुपये आते हैं। दो बैच बनाकर और भेजे गए हैं। इससे लाभांवित बच्चों की संख्या 95 हजार तक पहुंच जाएगी। बकाया के आधार सत्यापन व आधार बनवाकर बैच भेजने की कार्रवाई चल रही है।
-अनुपम अवस्थी, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी
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