ढोल मृदंग व शंखनाद के साथ नागा संतों का शाही स्नान
आसमान में फहरतीं धर्म ध्वजाएं बजते ढोल मृदंग और शंखनाद के साथ गूंजते हर हर महादेव के जयकारे। विभिन्न करतब दिखाते हुए पूरे उत्साह और उमंग में डूबे नागा ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : आसमान में फहरतीं धर्म ध्वजाएं, बजते ढोल मृदंग और शंखनाद के साथ गूंजते हर हर महादेव के जयकारे। विभिन्न करतब दिखाते हुए पूरे उत्साह और उमंग में डूबे नागा संतों की पेशवाई में शामिल श्रद्धालुओं की भीड़। कहीं फूलों की बौछार तो कहीं अक्षत बरसे।
बुधवार को यही नजारा था गंगा के पांचाल घाट पर बसी मिनी कुंभ कही जाने वाली राम नगरिया का। मकर संक्रांति पर श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा के अध्यक्ष नागा संत सत्यगिरी के नेतृत्व में पहले पेशवाई निकाली गई। यह पेशवाई मेला क्षेत्र के सीढ़ी संख्या-7 से शुरू होकर पूरे परिक्रमा मार्ग पर घूमी। इस दौरान पेशवाई में शामिल नागा संतों ने अपने साथियों के साथ तलवारों, लाठी, गदा, फरसा आदि से अपने करतब दिखाए। इस दौरान पेशवाई में शामिल नागा संतों का उत्साह चरम पर था। उनके उत्साह पर उनकी उम्र का कोई फर्क नहीं दिखाई दिया। जैसे ही गंगा के किनारे लोग पहुंचे तो संतों ने हर-हर गंगे के उद्घोष के साथ पानी में छलांग लगा दी। इस दौरान कुछ संत जमकर झूमे। पेशवाई के दौरान निकले संतों का महिलाओं ने अक्षत और फूल बरसाकर स्वागत किया। पेशवाई में दंडी आश्रम से स्वामी रामप्रकाश आश्रम, वैष्णव संप्रदाय से स्वामी बालक दास महाराज भी शामिल हुए। सुरक्षा के रहे पुख्ता इंतजाम
जिस वक्त पेशवाई निकल रही थी, उस पर शोभायात्रा के सुरक्षा के इंतजाम पुख्ता किए गए थे। उपजिलाधिकारी सदर अनिल कुमार, क्षेत्राधिकारी सदर मन्नीलाल गौड़, मेला थाने के प्रभारी निरीक्षक रामबाबू सिंह पुलिस फोर्स के साथ घेरा बनाकर चल रहे थे। इससे पहले पुलिस अधीक्षक डॉ. अनिल कुमार मिश्रा ने पूरे मेला क्षेत्र में भ्रमण कर सुरक्षा प्रबंधों का जायजा लिया। श्रद्धालुओं ने भी लगाई श्रद्धा की डुबकी
मकरसंक्रांति पर स्नान-दान का विशेष महत्व है। इस कारण गंगा स्नान के लिए पांचाल घाट पर मंगलवार शाम को ही हजारों श्रद्धालु पहुंच गए थे। बुधवार को ब्रह्ममुहूर्त से ही श्रद्धालुओं ने स्नान शुरू कर दिया। जो कि देर शाम तक चलता रहा। श्रद्धालुओं ने स्नान के बाद वहीं दान-पुण्य भी किया। इस दौरान कई श्रद्धालुओं ने सत्यनारायण भगवान की कथा भी कराई। मेला प्रभारी संदीप दीक्षित के मुताबिक दिन भर में करीब डेढ़ लाख श्रद्धालुओं ने गंगा में स्नान किया। गंगा का बढ़ा जलस्तर, कई घाट डूबे
माघ मेले के मद्देनजर दो दिन पहले नरौरा बांध से गंगा में पानी छोड़ा गया। इससे उसका जलस्तर बढ़ गया। जलस्तर बढ़ने से पांचाल घाट पर बनाए गए कई स्नान घाट डूब गए। स्नान के लिए पर्याप्त पानी तक पहुंचाने के लिए बालू डालकर रास्ता बनाया गया। हालांकि इससे श्रद्धालुओं को असुविधा का सामना करना पड़ा। जगह-जगह हुआ भंडारे का आयोजन
मकर संक्रांति पर रामनगरिया में जगह-जगह भंडारे का आयोजन किया गया। कहीं खिचड़ी वितरित की जा रही थी, तो कहीं पूड़ी सब्जी। कहीं तहरी और खीर भी वितरित की जा रही थी। भंडारों में महिलाओं और बच्चों की भीड़ अधिक दिखाई दे रही थी। बेसहारा मवेशियों का आतंक
मेला क्षेत्र में बेसहारा मवेशियों का जमावड़ा लगा है। कई बार मेले में आए श्रद्धालुओं पर यह मवेशी हमलावर भी हो चुके हैं। कई कल्पवासियों ने बताया कि इन मवेशियों से झोपड़ी की सुरक्षा स्वयं करनी पड़ रही है। जरा चूक जाएं तो यह झोपड़ी और राउटी को क्षतिग्रस्त कर देते हैं। नौकाबिहार का लिया आनंद
मेले में पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को नौकाबिहार के लिए नाविकों ने भी जमकर तैयारियां की हैं। जुगाड़ से तैयार की गईं मोटरवोट को पूरी भव्यता के साथ सजाया गया। मानों कश्मीर की डल झील में नौका बिहार किया जा रहा हो। गंगा स्नान को पहुंचे लोगों ने नौकाबिहार का लुत्फ उठाया।

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