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    गुरु तो गुड़ ही है, चेला रह गया शक्कर..

    By JagranEdited By:
    Updated: Thu, 09 Jan 2020 06:01 AM (IST)

    एक समय में कहावत थी कि गुरु गुड़ रहे चेला हो गए शक्कर। यह कहावत तब थी जब गुड़ को चीनी से तुच्छ समझा जाता था लेकिन वर्तमान में गुड़ की गुणवत्ता व मूल्यों ने स्थिति को बदल दिया है। जिससे गुड़ हो गया गुरु चेला रह गई शक्कर। आमतौर पर बाजार में चीनी की कीमत गुड़ से अधिक रहती थी। गुड़ की गुणवत्ता के चलते इसके प्रति उपभोक्ताओं का रुझान बढ़ने से गुड़ की खपत व कीमतें बढ़ी हैं। वहीं डायबिटीज के बढ़ते प्रकोप से चीनी की खपत कम हुई है। लघु व कुटीर स्तर पर होने वाले गुड़ के उत्पादन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है।

    गुरु तो गुड़ ही है, चेला रह गया शक्कर..

    महेश वर्मा, कायमगंज (फर्रुखाबाद)

    किसी बड़े के पीछे और छोटे के आगे हो जाने पर कहावत कही जाती है, गुरु गुड़ रह गए, चेला शक्कर हो गया..। हालांकि इस बार गुड़ का बढ़ा भाव इस कहावत का अलग ही निहितार्थ निकाल रहा है। कहने का तरीका भी बदल गया है। इस वर्ष गुड़ का भाव शक्कर से औसतन पांच रुपये प्रति किलो अधिक है। ऐसे में लोग कहने लगे हैं कि गुरु तो गुड़ ही है।

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    आमतौर पर बाजार में चीनी की कीमत गुड़ से ज्यादा रहती थी। हालांकि शहरी क्षेत्र में लगातार बढ़ रहे मधुमेह (डायबिटीज) रोगी अब चीनी की अपेक्षा गुड़ को तरजीह देने लगे हैं। ऐसे में शहरी क्षेत्र में अचानक से गुड़ की मांग बढ़ी है। इसे देखते हुए लघु कुटीर उद्योग के रूप में गुड़ का उत्पादन करने वालों ने भी कीमतें बढ़ा दी हैं।

    20 लाख क्विटल गन्ने से तैयार हो रहा गुड़

    कायमगंज क्षेत्र में प्रति वर्ष तकरीबन 40 लाख क्विटल गन्ने की पैदावार होती है। सहकारी चीनी मिल 15-16 लाख क्विटल गन्ना खरीद लेती हैं। 4-5 लाख क्विटल गन्ना बिक जाता है। शेष 20 लाख क्विंटल गन्ने से गुड़ बनाया जा रहा है। गुड़ का कारोबार करने वाले ग्राम ममापुर निवासी संतोष गंगवार के मुताबिक इस समय 60 से अधिक कोल्हू संचालित हैं। चीनी का फुटकर रेट 37 रुपये किलो है वहीं गुड़ 38 से 45 रुपये किलो बिक रहा है।

    गुड़ में तैयार कर दिए फ्लेवर

    जिले के कुछ किसानों ने रासायनिक पदार्थों का प्रयोग किए बिना गुड़ का उत्पादन शुरू कर दिया है। इसमें कई फ्लेवर हैं। सोंठ वाली गुड़, मूंगफली और तिल के अलावा अलसी मिश्रित गुड़ भी बन रहा है जो लखनऊ, कानपुर, दिल्ली की मंडियों में बिक रहा है। चीनी व गुड़ का तुलनात्मक विवरण

    विवरण चीनी गुड़

    गन्ना क्रय मूल्य 315 रुपये 200 रुपये

    प्रति क्विटल उत्पादन 8 से 10 किलो 12 किलो

    औसत मूल्य (किलो) 37 रुपये 40 रुपये

    मिठास 100 फीसदी 70 फीसदी स्वास्थ्यवर्धक व गुणकारी है गुड़

    चीनी जितनी हानिकारक है, गुड़ उतना ही गुणकारी व स्वास्थ्यवर्धक है। गुड़ में कई प्रकार के मिनरल्स जैसे कैल्सियम, मैग्नीशियम, पोटेशियम, सेलेनियम, मैग्नीज तथा कई प्रकार के विटामिन होते हैं। चीनी में मिनरल्स नहीं होते। तुरंत अवशोषित होने के कारण चीनी से शुगर लेबल बढ़ता है, जबकि गुड़ धीरे-धीरे अवशोषित होता है, इसलिए डायबिटीज मरीजों के लिए गुड़ ज्यादा हानिकारक नहीं होता। यह पित्त विकारों को दूर करने व पाचन में बहुत ही लाभकारी है।

    - डॉ. अमरेश कुमार, आयुष चिकित्सक सीएचसी कायमगंज।