फूलों की बारिश के बीच झंडाशरीफ पहुंचा जुलूस-ए-गौसिया
जुलूस-ए-गौसिया में शामिल सिर पर गागरें उठाए अकीदतमंदो का हुजूम सोमवार शाम दरगाह हुसैनिया मुजीबिया से शुरू होकर दरगाह झंडा शरीफ पहुंचा। सज्जादानशीन कार ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : जुलूस-ए-गौसिया में शामिल सिर पर गागरें उठाए अकीदतमंदों का हुजूम सोमवार शाम दरगाह हुसैनिया मुजीबिया से शुरू होकर दरगाह झंडा शरीफ पहुंचा। सज्जादानशीन कारी शाह फसीह मुजीबी की कयादत में निकले जुलूस पर रास्ते में कई जगह फूलों की बारिश की गई और इत्र लगाकर स्वागत किया। ग्यारहवीं शरीफ के मौके पर बड़े पीर साहब की दरगाह पर गागरें पेश की गईं। इस अवसर पर फातिहा के दौरान मुल्क की सलामती और अमन-ओ-अमान की दुआ की गई।
रवायती जुलूस के रास्ते को दरगाह हुसैनिया मुजीबिया से लेकर झंडा शरीफ तक खूबसूरती से सजाया गया था। मोहल्ला कटरा बख्शी, नेकनाम खां और सखावत हुसैन में आकर्षक गेट तैयार किए गए। जुलूस मोहल्ला सूफी खां, तिकोना चौकी, रकाबगंज, टाउनहाल, कटरा बख्शी होता हुआ दरगाह झंडा शरीफ पहुंचा। इटावा, एटा, मैनपुरी, फिरोजाबाद, हरदोई, कानपुर आदि से आए अकीदतमंद सिर पर गागर रखे साथ चले। इस दौरान कव्वालों ने सूफियाना कलाम सुनाकर खिराजे अकीदत पेश की। कुल व फातिहा में कारी हारून, कारी तनवीर रजा, कारी मुमताज, कारी शाकिर, कारी नाजिम, कारी स्वालेहीन ने हिस्सा लिया। इस मौके पर सज्जादानशीन ने फरमाया कि गौसुल आजम तमाम वलियों के सरदार हैं। गौसुल आजम ने पड़ोसियों का हक अदा करने और दूसरों के साथ नर्मी से पेश आने की तालीम दी। हाजी दिलदार हुसैन, बिलाल शफीकी, हाजी भोले, हसीन सभासद, असलम शेर खां, सभासद असलम नवाब, हिलाल मुजीबी, हस्सान मुजीबी, सरदार मीर खां आदि काफी संख्या में लोगों ने फातिहा में शिरकत की।

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