प्राथमिक स्कूलों के बच्चों को अभी भी नहीं मिलीं पुस्तकें
संवाद सहयोगी कायमगंज कायमगंज विकास खंड के प्राथमिक स्कूलों के बच्चों को अभी भी पाठ्यक्रम क ...और पढ़ें

संवाद सहयोगी, कायमगंज : कायमगंज विकास खंड के प्राथमिक स्कूलों के बच्चों को अभी भी पाठ्यक्रम की पुस्तकें नहीं मिल सकीं। जिससे बच्चों की पढ़ाई बिना पुस्तकों के चल रही है।
कायमगंज नगर क्षेत्र व ग्रामीण क्षेत्र के प्राथमिक स्कूल खुले करीब दो माह होने जा रहे हैं, लेकिन इन स्कूलों में बच्चों को ड्रेस उपलब्ध हुईं, न किताबें। मिड डे मील भी मेन्यू के अनुसार नहीं बन रहा है। कारोना संकट के बाद प्राथमिक स्कूल एक सितंबर को खुल गए थे, लेकिन स्कूलों में बच्चों के पास न तो सरकारी बस्ते हैं, न यूनीफार्म और न नए सत्र की नई किताबें। जिससे बच्चों को पुरानी किताबों से काम चलाना पड़ रहा है। सभी बच्चों पर पुरानी किताबें भी नहीं हैं। जिससे बच्चों की पढ़ाई पटरी पर नहीं आ पा रही। अध्यापक ब्लैकबोर्ड पर लिखकर बच्चों को पढ़ाते हैं। गांव कुबेरपुर के प्राथमिक स्कूल में दो अध्यापक व दो शिक्षामित्र, 72 पंजीकृत बच्चों में करीब 50 बच्चे मौजूद मिले। अधिकांश बच्चे न तो स्कूल की यूनीफार्म पहने थे, न उनके पास सरकारी बस्ते व पुस्तकें थीं। नगर के मोहल्ला कुकीखेल तहसील रोड स्थित प्राथमिक स्कूल में मात्र एक शिक्षामित्र मिले। बताया स्कूल में वही अकेले ही पढ़ाने के लिए तैनात हैं। वहां पंजीकृत 182 बच्चों में 52 बच्चे मौजूद मिले। यहां भी अधिकांश बच्चों के पास न स्कूल की यूनीफार्म थी न बस्ते थे और न ही नई कक्षा की पुस्तकें थीं। यहां मध्याह्न भोजन में सब्जी रोटी की जगह चावल की तहरी खिलाई गई। इस बाबत शिक्षा मित्र मोहसिन ने बताया कि किताबें, यूनीफार्म व पुस्तकें आई नहीं हैं। साथ ही बताया कि सितंबर माह के बाद राशन मिला ही नहीं। बताया गया कि तीन माह बाद राशन मिलेगा। ऐसे में रखे हुए चावल की तहरी बनाई जा रही है। इस बारे में नगर शिक्षा कार्यालय को अवगत करा दिया है।
स्कूल भवन के ऊपर से निकली एचटी लाइन
कायमगंज : गांव कुबेरपुर के प्राथमिक स्कूल भवन के ऊपर से 11 हजार वोल्टेज की क्षमता वाली एचटी लाइन निकली है। पहले तो लाइन के नीचे स्कूल होना नहीं चाहिए। बन भी गया तो सुरक्षा के लिए जाल भी नहीं लगाया गया। जबकि नियमानुसार आबादी क्षेत्र से निकली एचटी लाइन के नीचे लोहे तारों का जाल होना चाहिए। जिससे कभी लाइन टूटे तो जाल पर टिक जाए व नीचे न गिरे। बताया गया कि इस लाइन से एक बार हादसा भी हो चुका जब सफाई कर्मचारी छत पर सफाई को चढ़ा था। करंट लगने पर गंभीर घायल हो गया था।

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