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    दामाद की हत्या करने वाले सास-ससुर समेत तीन को आजीवन कारावास, 60-60 हजार रुपये जुर्माना भरने का आदेश

    Updated: Fri, 28 Nov 2025 05:16 PM (IST)

    फर्रुखाबाद में, भाईदूज के दिन दामाद की हत्या के मामले में सास-ससुर और उनके साथी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। प्रेम विवाह से नाराज़ परिवार ने दामाद को घर बुलाकर सरिया से हमला कर मार डाला था। अदालत ने दोषियों पर जुर्माना भी लगाया और जुर्माने की राशि मृतक की पत्नी और पिता को देने का आदेश दिया।

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    जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद। चार वर्ष पहले भाईदूज के दूसरे दिन घर बुलाकर सिर में सरिया से हमला कर दामाद की हत्या करने वाले सास-ससुर और उनके साथी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। इसके साथ ही 60-60 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया है। न्यायाधीश ने जुर्माने की राशि वसूल होने पर मृतक की पत्नी व पिता को आधे-आधे रुपये देने का आदेश दिया हैं।

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    फतेहगढ़ के गांव सरह निवासी कन्हैया लाल अवस्थी के पुत्र अंकित अवस्थी ने कंपिल थाने के गांव बिल्हा वर्तमान शहर कोतवाली के गांव भगुआ नगला निवासी धर्मेंद्र चौहान की बेटी नेहा चौहान से प्रेम होने पर 2020 में कोर्ट मैरिज की थी।

    दूसरी जाति के युवक से शादी करने से युवती के स्वजन नाराज रहते थे। अंकित अवस्थी नोयडा में काम करता था और पत्नी नेहा साथ रहती थी। भाईदूज के दिन 6 नवंबर 2021 को वह पत्नी के साथ घर आ रहा था।

    पांचालघाट चौराहे पर धर्मेंद्र चौहान का पुत्र मिला और बहन नेहा चौहान को भगुआ नगला स्थित घर बुला ले गया। अंकित चौहान अपने घर चला गया था। वह दूसरे दिन 7 नवंबर को घर से गांव के अन्य लड़कों के साथ नोयडा जाने के लिए निकला।

    पत्नी के स्वजन के कहने पर वह पांचालघाट चौराहे पर टेंपो से उतर गया और उसके घर चला गया। यहां पर माता-पिता व उनके साथी ने पुत्री को कमरे में बंद कर अंकित के सिर पर हंसिया व सरिया से प्रहार कर हत्या कर दी। शव को पास के एक प्लाट में गड्ढा खोद कर दबा दिया था।

    पिता कन्हैया लाल ने घटना की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। भगुआ नगला में धर्मेंद्र चौहान के घर के पास खाली पड़े प्लाट में पुलिस ने खोदाई कराई गई, तो अंकित अवस्थी का शव बरामद हुआ था। विवेचक विनोद कुमार शुक्ला ने जांच कर धर्मेंद्र चौहान, उनकी पत्नी उमा व कन्नौज जिले के थाना छिबरामऊ के नौगाई निवासी साथी सच्चिदानंद उर्फ मनोज के खिलाफ न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया।

    मुकदमा विचारण के दौरान माता-पिता व उनके साथी के खिलाफ पुत्री ने पति की हत्या करने की गवाही दी। मुकदमे की सुनवाई के दौरान सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता पंकज कटियार, अनुज प्रताप सिंह, वादी वकील योगेश चंद्र दुबे व बचाव पक्ष के वकील ने दलीलें पेश की।

    सुनवाई पूरी होने के बाद न्यायाधीश शैलेंद्र सचान ने युवती के पिता धर्मेंद्र चौहान, उनकी पत्नी उमा व साथी सच्चिदानंद उर्फ मनोज को हत्या व साक्ष्य छिपाने के जुर्म में बुधवार को दोषी करार देकर जेल भेजा था। गुरुवार को तीनों दोषसिद्ध जेल से न्यायालय में पेश किए गए। न्यायाधीश ने तीनों को आजीवन कारावास की सजा और जुर्माने से दंडित किया है।