हत्या का प्रयास करने वाले दो भाइयों को उम्रकैद, जमीन पर कब्जे का विरोध करने पर 18 वर्ष पहले हुई थी घटना
पटना में 18 साल पहले जमीन पर कब्जे का विरोध करने पर दो भाइयों को हत्या के प्रयास के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। कोर्ट ने दोनों आरोपियो ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, फतेहगढ़। 29 नवंबर को जमीन के विवाद में जानलेवा हमला करने के मुकदमे की सुनवाई करते हुए अपर जिला जज प्रथम ने पिता-पुत्र समेत तीन को दोषी करार देकर न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया था।
सजा के बिंदु पर मंगलवार को सुनवाई करते हुए न्यायाधीश ने दो सगे भाइयों को हत्या के प्रयास में आजीवन कारावास की सजा सुनाई और सात-सात हजार रुपये जुर्माना लगाया। वहीं एक आरोपित की ओर से घटना के वक्त नाबालिग होने का दावा किया गया। इस कारण उसके खिलाफ फैसला सुनाने की अग्रिम तिथि घोषित कर दी है।
नवाबगंज क्षेत्र के गांव बबुरारा निवासी प्रमोद कुमार की चाची रामबिटोली की जमीन पर गांव के ही रामबहादुर, उसके भाई राजकुमार, रामप्रकाश व राजकुमार के पुत्र बंटू कब्जा करना चाहते थे। 28 अगस्त 2007 की शाम छह बजे सभी लोग रामबिटोली की जमीन पर कब्जा करने लगे।
प्रमोद कुमार ने विरोध किया तो सभी ने उसके साथ लाठी डंडा व टकोरा (छोटी कुल्हाड़ी) से हमला कर जान से मारने का प्रयास किया। मारपीट में प्रमोद कुमार घायल हो गए। प्रमोद ने चारों हमलावरों के खिलाफ जानलेवा हमले का मुकदमा दर्ज कराया था।
विवेचक ने जांच कर आरोप पत्र न्यायालय में दाखिला किया। मुकदमा विचारण के दौरान आरोपित रामप्रकाश की मौत हो गई। इससे तीन अन्य आरोपितों के खिलाफ मुकदमे का विचारण किया गया। मुकदमे की सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष के वकील व सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता कृष्ण कुमार पांडेय, संजीव कुमार पाल ने दलीलें पेश की।
अपर जिला जज प्रथम शैली राय ने राजकुमार व रामबहादुर को आजीवन कारावास व सात-सात हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाई है। जुर्माना अदा न करने पर तीन माह की अतिरिक्त कैद के आदेश दिए हैं।
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता कृष्ण कुमार पांडेय ने बताया कि बंटू की ओर से न्यायालय में प्रार्थना पत्र दिया गया कि घटना के समय वह नाबालिग था। इस पर न्यायाधीश ने बंटू की पत्रावली पृथक कर दी। घटना के समय उसकी उम्र की रिपोर्ट मंगाने के लिए प्रधानाचार्य को तलब किया है। रिपोर्ट मिलने के बाद फैसला सुनाया जाएगा।

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