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    खैंचि सरासन श्रवन लगि छाड़े सर एकतीस

    By JagranEdited By:
    Updated: Sat, 20 Oct 2018 10:35 PM (IST)

    जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : काटत बढ़¨ह सीस समुदाई। जिमि प्रति लाभ लोभ अधिकाई।। मरइ न ि

    खैंचि सरासन श्रवन लगि छाड़े सर एकतीस

    जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद :

    काटत बढ़¨ह सीस समुदाई। जिमि प्रति लाभ लोभ अधिकाई।।

    मरइ न रिपु श्रम भयउ बिसेषा। राम बिभीषन तन तब देखा।।

    भगवान श्रीराम राम बाणों से रावण का सिर काटते हैं, लेकिन उसके सिर का समूह ऐसे बढ़ जाता जैसे प्रत्येक लाभ पर लोभ बढ़ता है। काफी परिश्रम के बाद भी रावण नहीं मरता है तो श्री रामचंद्रजी ने विभीषण की ओर देखा। विभीषण ने जब बताया कि उसकी नाभि में अमृत है तब भगवान श्रीराम ने कानों तक धनुष खींचकर एक साथ 31 तीर चलाए, जो कि कालसर्प की तरह रावण की ओर बढ़े। उसके बाद रावण का वध किया गया।

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    क्रिश्चियन कॉलेज मैदान में रामलीला मंडल फर्रुखाबाद की ओर से रावण दहन किया गया। इससे पहले श्रीराम और रावण की टोलियां सरस्वती भवन से निकली। जो कि चौक, नेहरू रोड, घुमना, लाल गेट पर युद्ध की लीला का मंचन करते हुए मैदान पर पहुंचे। वहां जिलाधिकारी मोनिका रानी, पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार मिश्रा, अपर पुलिस अधीक्षक त्रिभुवन ¨सह, रामलीला मंडल अध्यक्ष डॉ. रजनी सरीन, मंत्री संजय अग्रवाल की मौजूदगी में रावण दहन किया गया।

    शनिवार को श्री मधु रामलीला मंडल की ओर से रावण वध की लीला का मंचन किया गया। मित्तूकूंचा के श्रीराम और रावण की टोलियां युद्ध करते हुए गुरुगांव देवी मंदिर पहुंची। उसके बाद रावण के पुतले का दहन धूम-धड़ाके से किया गया। वहां संरक्षक सचिन यादव, अध्यक्ष मनमोहन मिश्रा, मयंक ¨सह, श्रीनरायन वर्मा, राधेश्याम सक्सेना, कुंवर ¨सह शाक्य, आनंद मौर्या मौजूद रहे।

    शनिवार देर शाम श्रीरामलीला परिषद फतेहगढ़ के तत्वावधान में रावण वध की लीला में सब्जी मंडी से फतेहगढ़ चौराहे होते हुए करियप्पा कांप्लेक्स तक टोलियां युद्ध करते हुए पहुंची। वहां दशानन वध के बाद बुराई के पुतले का दहन किया गया। इस दौरान श्रीरामलीला परिषद के पदाधिकारी रवीश द्विवेदी, पंकज अग्रवाल मुन्ना लाल वाष्र्णेय व सैन्य अधिकारियों ने आतिशबाजी का लुत्फ उठाया।

    कायमगंज में श्रीरामलीला समिति के तत्वावधान में आयोजित श्रीराम लीला में रथों पर सवार राम व रावण के बीच भयंकर युद्ध चला। रावण वध के बाद रावण, मेघनाथ व कुम्भकर्ण के पुतला दहन के साथ आतिशबाजी का प्रदर्शन हुआ। कंपिल के पास स्थित गांव दूंदेमई के सामने मैदान में श्रीरामलीला महोत्सव धूमधाम से मनाया गया। अध्यापक कॉलोनी के बच्चों ने आठ फिट लंबे रावण के पुतले को तैयार किया। नवाबगंज के ग्राम पुराना गनीपुर में बच्चों ने दशहरा मनाया। श्रीराम के जयकारों के साथ रावण के पुतले में आग लगाई गई। शमसाबाद में रावण वध होते ही उसके पुतले में आग लगा दी गई।