कलुआ गैंग के आतंक से थर्राती थी कटरी, मुठभेड़ में बलिदान हुए थे कई पुलिस कर्मी
करीब 20 वर्ष पहले राजाराम यादव उर्फ कलुआ यादव के गैंग

कलुआ गैंग के आतंक से थर्राती थी कटरी, मुठभेड़ में बलिदान हुए थे कई पुलिस कर्मी
जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : करीब 20 वर्ष पहले राजाराम यादव उर्फ कलुआ यादव के गैंग का आतंक था। उसका यह गैंग पुलिस के लिए काल कहा जाता था। उससे टक्कर लेने में थाना प्रभारी समेत कई पुलिस कर्मी बलिदान हो गए थे।
जिले से सटे शाहजहांपुर के परौर थाने के गांव पूरन नगला निवासी कलुआ यादव की सक्रियता आसपास के तीन-चार जिलों तक सीमित थी। वह फर्रुखाबाद के अलावा बदायूं , शाहजहांपुर में बराबर सक्रिय था। कायमगंज कोतवाली क्षेत्र में 4 मार्च 2001 को गांव अहमदगंज के निकट दस्यु सरगना कलुआ से मोर्चा लेते समय कांस्टेबल शांतिराम बलिदान हुए थे। डकैत उनकी रायफल भी लूट ले गए थे। 26 मार्च 2003 को कंपिल क्षेत्र में कारव की कटरी में कलुआ से मुठभेड़ में तत्कालीन कंपिल थाना प्रभारी राजेश कुमार सिंह, मेरापुर के दारोगा उदयवीर सिंह, कंपिल थाने के कांस्टेबल उमेश चंद्र व पीएसी कांस्टेबल सेवाराम यादव बलिदान हुए थे। डकैत उनकी रिवाल्वर, कारबाइन, पिस्टल व राइफल तथा वायरलेस सेट भी लूट ले गए थे। इसमें दारोगा विवेक श्रीवास्तव, कांस्टेबल मुन्ना सिंह, सूरज सिंह, मोहर सिंह, रक्षपाल सिंह, पीएसी के साधू राम सहित आठ लोग घायल हुए थे। 17 सितंबर 2005 को कारव की कटरी में नाव से जा रही पुलिस टीम पर कलुआ गिरोह की फायरिंग में पीएसी के दारोगा चंद्रपाल सिंह, कांस्टेबल इशरत अली व दिलीप तिवारी बलिदान हो गए थे। रमेश यादव, कमलेश दीक्षित, ओमप्रकाश व राजेश राठौर घायल हुए थे। उसके बाद 16 जनवरी 2006 में बरेली पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ में वह मारा गया था।
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