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    गंगा में बाढ़… पानी के कहर से डूबे रास्ते, जीवन अस्त-व्यस्त, यूपी के इस जिले में टापू बन गए कई गांव

    Updated: Tue, 02 Sep 2025 06:20 PM (IST)

    कायमगंज के तराई क्षेत्र में गंगा नदी में बाढ़ के कारण कई रास्ते जलमग्न हो गए हैं जिससे लोगों का आवागमन मुश्किल हो गया है। कई गांव टापू बन गए हैं। प्रशासन द्वारा नावों और स्टीमर की व्यवस्था की गई है। बाढ़ पीड़ितों को राहत सामग्री और भोजन वितरित किया जा रहा है और जलस्तर घटने की उम्मीद है। लोगों को पशुओं के चारे की भी समस्या हो रही है।

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    कायमगंज सिनौली पचरौली मार्ग पर पुलिया के ऊपर बहते पानी में नाव से जाते लोग। जागरण

    जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद। गंगा में बाढ़ से कायमगंज के तराई क्षेत्र के अधिकांश मार्गों पर पानी भरा होने से सबसे बड़ी परेशानी आवागमन की है। इस समस्या के कारण ही बाढ़ प्रभावित गांवों के कई परिवार शरणालय में रह रहे हैं। रास्तों में भरे गहरे पानी में ट्रैक्टर व नाव ही आवागमन का साधन रह गए हैं।

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    हालांकि, प्रशासन की ओर से आवश्यक चुनिंदा स्थलों पर नावों व स्टीमर की व्यवस्था की गई हैं। गांव टिलियां से सिनौली मार्ग से जुड़े गांव सिनौली, चौखड़िया, भजी नगला, मोती नगला, अजीजपुर, प्रीतम नगला पचरौली, महादेवपुर, सींगनपुर, नसरुल्लापुर धर्मपुर सहित कई अन्य गांवों के रास्तों में बाढ़ का पानी भरा है।

    मंगलवार को यहां लोग पचरौली महादेवपुर के एक ग्रामीण द्वारा चलवाई जा रही नाव से निश्शुल्क आते जाते दिखे। इस मार्ग पर श्याम सिंह, महाराम, शेर सिंह, फद्दन, पप्पू व मुकेश आदि बाढ़ के पानी के बीच से मवेशी निकाल कर लाए।

    वहीं, कायमगंज-टिलियां-अहमदगंज मार्ग पर बूढ़ी गंगा की पुलिया उफनाने के साथ मार्ग पर कई किलोमीटर क्षेत्र में बाढ़ का पानी भर जाने से गांव गंडुआ, अकाखेड़ा, गंगैया, गंधिया, कुंवरपुर, छतरई, अलीगढ, चैनीनगला, अहमदगंज, सूखानगला, दुंदीनगला, शंकरनगला, मीरगंज, बुहारनगला, खजुरिया, दोषपुर, कुंआखेड़ा, पटि्टया, अजमतपुर, होरीनगला, निजामुद्दीनपुर, खानआलमपुर, भकुसा, चौघढ़ा सहित कई अन्य गांवों के रास्ते बाधित हो गए हैं।

    ट्रैक्टर पर बैठकर पुलिया के ऊपर बह रहे बाढ़ के पानी को पार कर आए लोगों ने बताया कि गांवों के चारों ओर पानी भरा होने के कारण ट्रैक्टर से खाने की जरूरी चीजें लेने जा रहे हैं। गांवों में रह रहे बाढ़ पीड़ितों के आवागमन के अलावा खेतों में भरे पानी के कारण पशु चारे व शौच की समस्या है।

    हालांकि, मक्का फसल कट चुकी है। पूरी तरह धान की फसल डूबने से जिसका नुकसान होना था वह हो गया। जिसकी धान फसल कम डूबी वह बच गई। एसडीएम अतुल कुमार सिंह ने बताया कि रविवार तक पानी लगातार घटा, सोमवार को फिर बढ़ गया है, लेकिन अब लगातार पानी घटने की सूचना है।

    प्रशासन की ओर से सभी जरूरी स्थलों पर कुल 49 नावें व छह स्टीमर चलाए जा रहे हैं। क्षेत्र में 15800 बाढ़ पीडि़तों को राहत किट तथा 6965 लोगों को भोजन पैकेट वितरित किए जा चुके हैं।