Updated: Thu, 18 Sep 2025 06:37 PM (IST)
फर्रुखाबाद में गंगा नदी का जलस्तर बढ़ने से कटरी धर्मपुर मार्ग पर यातायात बाधित हो गया है। दिलीप की मड़ैया में कटान तेज होने से मान सिंह राजपूत मनोज राजपूत गिरंद राजपूत और रवीश राजपूत के चार घर गंगा में समा गए हैं। ग्रामीणों में दहशत है क्योंकि पानी की टंकी पर भी खतरा मंडरा रहा है।
जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद । खेत और सड़कों पर भरे पानी की गंगा में वापसी दो दिन से रुकी हुई थी। गुरुवार सुबह फिर पानी बढ़ने लगा। जिससे कटरी धर्मपुर जाने वाले मार्ग पर बाइकों की आवाजाही रुक गई। लोग नाव के सहारे ही गांव आ-जा रहे हैं। वहीं दिलीप की मड़ैया में कटान तेज होने से चार मकान गंगा में समा गए।
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अब गांव की पानी की टंकी पर भी खतरा बढ़ गया है। पिछले एक माह से अधिक समय से गंगा की बाढ़ का प्रकोप झेल रहे तहसील सदर कटरी क्षेत्र के ग्रामीणों को चार दिन पहले राहत मिली थी। तीन दिन तक पानी तेजी से गंगा में वापस गया। मंगलवार सुबह गंगा का जलस्तर बढ़ा तो पानी की वापसी रुक गई थी। सुबह लोग जागे तो खेतों व सड़कों पर पानी फिर बढ़ने लगा था।
बाइकों की आवाजाही फिर रुकी
इससे दो दिन पहले गांव कटरी धर्मपुर की ओर शुरू हुई बाइकों की आवाजाही फिर रुक गई। ग्राम पंचायत कटरी भीमपुर के मजरा दिलीप की मड़ैया में मान सिंह राजपूत, मनोज राजपूत, गिरंद राजपूत व रवीश राजपूत के मकान गंगा की कटान में गिर गए। कई मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं। लोग उन्हें खाली करने में जुटे हैं। ग्राम प्रधान रामऔतार पाल के पुत्र रामरहीश ने बताया कि खेतों में सुबह से पानी फिर बढ़ रहा है। गंगा की धार सीधे गत माह पूरी तरह कट चुके गांव पृथ्वीपुर के निकट दौली की मड़ैया व दिलीप की मड़ैया की ओर आयी है।
अधिक नुकसान की आशंका
इससे अब अधिक नुकसान होने की आशंका बढ़ गई है। ग्राम पंचायत पंखियन की मड़ैया कटरी धर्मपुुर की प्रधान शहनाज के पुत्र शान अली ने बताया कि गंगा का जलस्तर बढ़ने से अब ग्रामीणों को चिंता हो रही है। तीन दिन में पानी काफी घट गया था तो अधिकतर ग्रामीण शरणालय व अन्य स्थानों से वापस आ गए थे। बाढ़ प्रभावित गांव में अभी दलदल भरा है।
घरों में भी जबरदस्त कीचड़ है। यदि दोबारा बाढ़ ने विकराल रूप न लिया तो भी लोगों को घरों की सफाई करने में समय लगेगा। जिनके घर कट गए हैं, उन्हें झोपड़ी डालकर रहना पड़ेगा। कुछ परिवार ऐसे हैं जिनके मकान कटने से गहरा गड्ढा हो गया है। उनके पास रहने को जगह नहीं बची है।
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