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    फर्रुखाबाद में बाढ़-बारिश के बीच अनोखी शादी, नाव में बरात लेकर दुल्हन लेने पहुंचा दूल्हा

    By brajesh mishra Edited By: Anurag Shukla1
    Updated: Tue, 12 Aug 2025 08:32 PM (IST)

    फर्रुखाबाद में उफनाती गंगा और बाढ़ भी दूल्हा और दुल्हन को रस्म निभाने से नहीं रोक पाई। करीब 20 किमी दूर से दूल्हा नाव से बरात लेकर पहुंचा। बाढ़ से घिरे गांव में बरात पहुंची। उसका स्वागत किया गया। ग्रामीणों ने नाव की भी व्यवस्था की। बरात की खातिरदारी की।

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    गांव धारा नगरी से नाव से जाती समीर की बरात। अंशुल गंगवार

    जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद। फर्रुखाबाद में उफनाती गंगा और बाढ़ से 50 से ज्यादा गांव प्रभावित हो चुके हैं। लोगों तक राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है। राहत शिविर में लोगों को ले जाया जा रहा है। हालात बिगड़ते जा रहे हैं। ऐसे में एक ऐसी तस्वीर सामने आई है जिसने सभी को हैरान कर दिया है। दुल्हन को लेने के लिए नाव से दूल्हा बरात लेकर पहुंचा। ग्रामीणों ने भी उसी उत्साह के साथ उनका स्वागत किया।

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    तहसील सदर का गांव पंखियन की मड़ैया पिछले एक सप्ताह से बाढ़ के पानी से घिरा है। अब कुछ मकान ही बीच में बचे हैं, जहां सूखा है। गांव के चारों तरफ पानी है। गांव की एक बेटी का निकाह पहले से तय था। अब बाढ़ आ गई। ऐसे में बाढ़ में निकाह को न टालने पर विचार हुआ। सभी ने निकाह की रस्म करने का फैसला लिया।

    Farrukhabad Unique Wedding Amidst Floods

    बाढ़ के पानी में नाव पर बैठकर जाते बराती। जागरण

    ग्रामीणों ने बरातियों के नाव की व्यवस्था की। मंगलवार को 20 किमी दूर से बरात निकली। बाढ़ का पानी होने की वजह से पांच किलोमीटर नाव से यात्रा करने के बाद दूल्हा व बराती गांव पहुंचे तो ग्रामीणों ने उनकी अगवानी कर खातिरदारी की। निकाह के बाद शाम को बरात विदा हो गई।

    गांव पंखियन की मड़ैया निवासी साजिद रजा की पुत्री ताजमीन का निकाह कस्बा कमालगंज के मुहल्ला आजाद नगर निवासी शफीक के पुत्र समीर से तय था। निकाह की तारीख भी कई माह पहले तय हो गई थी, लेकिन इसी बीच गंगा में आई बाढ़ से गांव पंखियन की मड़ैया घिर गया। ताजमीन की मां जमीला खातून ने निकाह की पूरी तैयारी कर ली थी।

    ग्रामीणों ने भी व्यवस्था में सहयोग किया। सुबह दो नाव करीब पांच किलोमीटर दूर शहर से सटे गांव धारा नगरी भेजी गईं। उनमें बरातियों के लिए नाश्ता भी था। दूल्हा समीर दोपहर को बरात लेकर धारा नगरी पहुंचे। वहां नाश्ता करने के बाद दूल्हा व बराती दो नाव में सवार हुए और गांव पंखियन की मड़ैया पहुंचे। मौलाना शहरोज खान ने समीर व ताजमीन का निकाह संपन्न कराया। शाम को नाव से ही विदाई कर दी गई।