Farrukhabad News: स्वीकृत मानचित्र के अनुसार बने भवन नहीं गिराए जाएंगे, महायोजना पर आई आपत्तियों पर हुई सुनवाई
सहयुक्त नियोजक ने बताया कि यदि किसी का मकान स्वीकृत मानचित्र के अनुसार बना है तो नवीन महायोजना में अन्य प्रावधान होने के बावजूद उसके भवन को नहीं हटाया जा सकता। उन्होंने बताया कि नागरिकों की आपत्तियों पर विचार के बाद महायोजना में यथासंभव परिवर्तन करने का प्रयास किया जाएगा।
फर्रुखाबाद, जागरण संवाददाता। शहर की आगामी 2031 तक के लिए बनी महायोजना पर आई आपत्तियों की सुनवाई रविवार को अवकाश के बावजूद तीसरे दिन भी जारी रही। इस दौरान विभिन्न क्षेत्रों के नागरिकों ने महायोजना पर अपनी आपत्तियों पर पक्ष रखा। नगर मजिस्ट्रेट दीपाली भार्गव व सहयुक्त नियोजक सुधीर कश्यप ने लोगों को उनकी आपत्तियों पर विचार का भरोसा दिया।
सहयुक्त नियोजक ने बताया कि यदि किसी का मकान स्वीकृत मानचित्र के अनुसार बना है, तो नवीन महायोजना में अन्य प्रावधान होने के बावजूद उसके भवन को नहीं हटाया जा सकता। उन्होंने बताया कि नागरिकों की आपत्तियों पर विचार के बाद महायोजना में यथासंभव परिवर्तन करने का प्रयास किया जाएगा।
शहर के नागरिकों के बीच हलचल
नई महायोजना के लेकर विगत कई माह से शहर में नागरिकों के बीच हलचल है। जिन क्षेत्रों में ग्रीन बेल्ट या अन्य सुविधाओं का प्रविधान किया गया है, वहां के नागरिक भवन ध्वस्तीकरण तक की आशंका से परेशान हैं। इस संबंध में प्रशासन की ओर से नागरिकों से आपत्तियां मांगी गई थी। इन आपत्तियों पर क्षेत्रवार सुनवाई का दौर चल रहा है। रविवार को अवकाश के बावजूद सुनवाई जारी रही। काफी संख्या में लोगों ने आपत्तियों पर अपना पक्ष रखा।
अधिकारियों ने कहा…
इस अवसर पर वार्ता के दौरान सहयुक्त नियोजक ने कहा कि एक बार मानचित्र स्वीकृत करने के बाद प्रशासन उस नक्शे पर हुए नियमानुसार निर्माण को बाद में कभी भी नहीं हटा सकता है। इस लिए लोगों को परेशान होने की जरूरत नहीं है।
नगर मजिस्ट्रेट ने कहा कि शहर के अगले दो दशक में विस्तार और बढ़ती आबादी के मद्देनजर सड़कें, पार्क, स्कूल, अस्पताल आदि मूलभूत सुविधाओं की तैयारी करना भी आवश्यक है। फिर भी यथा संभव नागरिकों की समस्याओं का निराकरण करने का प्रयास किया जाएगा।
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