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    Flood: उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद में बाढ़ से बर्बादी, चार लोग बहे, 435 गांवों बिजली बंद, 187 स्कूल बंद

    By paras dubey Edited By: Anurag Shukla1
    Updated: Wed, 13 Aug 2025 08:16 PM (IST)

    UP Flood उत्तर प्रदेश में बाढ़ से बर्बादी देखने को मिल रही है। फर्रुखाबाद में गंगा और रामगंगा उफान पर होने से बाढ़ का पानी लोगों को प्रभावित कर रहा। तीन युवक बह गए। 435 गांवों में बिजली आपूर्ति बंद करना पड़ गया। वहीं 187 स्कूलों में भी पानी भरने की वजह से बंद करने की घोषणा कर दी गई।

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    गांव कासिमपुर तराई के पास बाढ़ के पानी से कटी सड़क देखते ग्रामीण। जागरण

    जागरण टीम, फर्रुखाबाद। उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में बाढ़ से हाहाकर मचा है। फर्रुखाबाद (Farukhabad) से लेकर प्रयागराज, वाराणसी में हर तरफ बाढ़ से बर्बादी सामने आ रही है। गंगा और राम गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ने की वजह से फर्रुखाबाद के करीब पांच सौ गांव प्रभावित हो चुके हैं। इनमें गांवों की बिजली आपूर्ति बंद कर दी गई, स्कूलों में छुट्टी हो गई। वहीं, सबसे ज्यादा प्रभावित गांवों के लोगों को राहत शिविरों में शिफ्ट किया जा रहा है। बुधवार को चार लोग बाढ़ के पानी में भी बह गए।

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    खतरे के निशान से 35 सेमी ऊपर पहुंचा गंगा का जलस्तर

    गंगा का जलस्तर दो वर्ष बाद खतरे के निशान से 35 सेंटीमीटर ऊपर पहुंच जाने व रामगंगा का जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच जाने से एक सैकड़ा से अधिक गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। बाढ़ का पानी गांव व घरों में भर जाने से जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया है। संपर्क मार्गों पर भी पानी तेज धार से बह रहा है। ग्रामीण सड़क के किनारे व मकान की छतों पर मोमिया के नीचे गुजर कर रहे हैं। तेज धूप व उमस भरी गर्मी ने पीड़ितों की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं। अमृतपुर तहसील परिसर में भी बाढ़ का पानी पहुंच गया।

    UP Flood Farrukhabad

    गांव जंजाली नगला में भरे बाढ़ के पानी में बंधे मवेशी। जागरण

    छह उपकेंद्रों में भरा बाढ़ का पानी, 435 गांवों की आपूर्ति बंद

    गंगापार व कायमगंज कटरी क्षेत्र के छह उपकेंद्रों के अंदर बाढ़ का पानी घुस गया है। उपकेंद्र बंद कर दिए गए। बिजली न मिलने से 435 गांव के ग्रामीण अंधेरे में रहने को मजबूर हैं। कुछ लोग सोलर से चार्ज एलईडी से झोपड़ियों में रोशनी कर रहे हैं। विद्युत विभाग व जिला प्रशासन की ओर से इनके लिए रोशनी की कोई व्यवस्था नहीं की गई है। अधीक्षण अभियंता अजय कुमार ने बताया कि छह उपकेंद्रों की आपूर्ति पूर्णरूप से बंद कर दी गई है। पानी उतरने के बाद ही आपूर्ति शुरू हो पाएगी। ग्रामीणों को रात में रोशनी उपलब्ध कराने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था को डीएम को पत्र भेजा जा रहा है।

    जीजीआइसी, कस्तूरबा समेत 187 स्कूल पानी भरने से बंद

    गंगा और रामगंगा का जलस्तर बढ़ने से शमसाबाद ब्लाक क्षेत्र के 39, बढ़पुर क्षेत्र के 19, कामयगंज क्षेत्र के 42 और राजेपुर क्षेत्र के 85 परिषदीय विद्यालय पानी भरने से बंद हो गए हैं। शिक्षकों को बीआरसी पर बैठकर कार्य करने के लिए कहा गया, जहां कुछ देर बाद पानी भर गया। कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में जाने वाले मार्ग और मैदान परिसर में पानी भर गया है। प्रभारी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अनुपम अवस्थी ने बताया कि राजेपुर स्थित कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में पानी भर रहा है। बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए छुट्टी कराई जा रही है।

    Farrukhabad Flood

    नाव में बैठकर गढ़िया हैवतपुर दवा वितरित करने जाती स्वास्थ्य टीम। स्रोत : स्वास्थ्य विभाग

    बाढ़ पीड़ितों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के निर्देश

    बाढ़ का पानी जंजाली नगला व चाचूपुर गांवों में घुस गया है। एडीएम व एसडीएम सदर ने प्रभावित गांवों का दौरा किया। उन्होंने जलमग्न हुए घरों को खाली कर सुरक्षित स्थान पर पहुंचने तथा राजस्व कर्मियों को दोनों गांव के करीब 80 परिवारों को तत्काल राहत सामग्री उपलब्ध कराए जाने के निर्देश दिए।

    गांव बेरियाडाडा-कुआं खेड़ा मार्ग गांव कासिमपुर तराई के सामने से कटा

    बाढ़ के पानी की तेज धार से गांव बेरियाडाडा से कुआं खेड़ा जाना वाला मार्ग गांव कासिमपुर तराई के सामने कट गया है। जिससे गांव सुल्तानगंज खरेटा, दादूपुर, केहरी नगला, न्यामतपुर भकुसी आदि गांवों का ब्लाक मुख्यालय से संपर्क टूट गया। बाजार से सामान लेने आने के लिए आने को भी दिक्कत हो गई है। कानूनगो हरमुखपाल ने बताया जहां समस्या है, वहां नाव लगाई गई हैं। अगर जरूरत है तो वहां व्यवस्था की जा रही है।

    पुलिया पर बाढ़ के पानी में बहे तीन युवक, ग्रामीणों ने बचाया

    जनपद शाहजहांपुर थाना जलालाबाद के गांव गुनारा निवासी इलियास गांव में फेरी लगाकर सामान बेचते हैं। बुधवार दोपहर बाइक से साथी इकलहरा निवासी नाजेश व नसरुद्दीन के साथ कंपिल की तरफ आ रहे थे। गांव राईपुर चिनहटपुर के निकट पुलिया को पार करने लगे। पुलिया पर बाढ़ के पानी की तेज धार में बह गए। इलियास ने किनारे पर लगी रस्सी को पकड़ लिया। वहां मौजूद ग्रामीणों ने पानी में कूदकर तीनों युवकों को सकुशल बाहर निकाल लिया। जबकि बाइक, मोबाइल फोन व रुपये पानी में वह गए। पुलिस ने तीनों युवकों को घर भेज दिया। ग्रामीणों के अनुसार दो होमगार्ड पुलिया पर तैनात हैं। उनके मना करने के बावजूद भी युवक नहीं माने और देखते देखते पानी में बह गए। थाना प्रभारी विश्वनाथ आर्या ने बताया पुलिस के मना करने पर भी लोग आवागमन कर रहे हैं। कंपिल बदायूं मार्ग पूर्ण रूप से बंद है। लोग खाने पीने की वस्तुओं की बात कहकर आवागमन कर रहे हैं।

    बाढ़ के पानी में डूब गए पूर्व प्रधान

    कायमगंज क्षेत्र की ग्राम पंचायत पचरोली महादेवपुर के पूर्व प्रधान 55 वर्षीय नंदकिशोर उर्फ भूरे के सिनौली मार्ग पर बूढ़ी गंगा की पुलिया के पास बाढ़ के भरे पानी में डूब गए। उनकी तलाश की जा रही है।

    दो लोगों को सांप ने डस लिया

    गांव बेहटा बल्लू के मजरा नई बस्ती निवासी शंकरलाल का 15 वर्षीय पुत्र दुर्वेश कुमार सुबह अपने घर पर बैठा था। तभी उसे सांप ने डस लिया। जिससे दुर्वेश की हालत बिगड़ गई। स्वजन ने सीएससी में भर्ती कराया। स्वजन ने बताया घर के अंदर तक पानी भरा हुआ है। गांव मुरेठी निवासी मनोज कुमार बुधवार की सुबह गंगा स्नान करने गए थे। स्नान करते समय सांप ने डस लिया। उन्हें भी सीएससी में भर्ती कराया गया।

    दो वर्ष पहले खतरे के निशान से 35 सेमी ऊपर पहुंची थीं गंगा

    गंगा का जलस्तर दो वर्ष पहले 22 अगस्त 2023 को खतरे के निशान से 35 सेंटीमीटर ऊपर पहुंचा था। राजेपुर डिप पर दो फीट अधिक पानी तेज धार से बहने के बाद भी दुपहिया वाहन निकल रहे हैं। जिससे हादसा होने की आशंका है। जमापुर डिप पर भी पानी बहने लगा है। जिसमें बच्चे खेलते मिले। राजेपुर कस्बा के मार्ग पर भी एक फिट से अधिक पानी बह रहा है। यदि जलस्तर बढ़ा तो अमृतपुर क्षेत्र का आवागमन बंद हो जाएगा।

    प्रशासन का दावा : जनपद के मात्र 96 राजस्व गांव बाढ़ से प्रभावित

    जिला समन्वयक दैवीय आपदा आयुष्मेंद्र परिहार ने बताया कि वर्तमान में बाढ़ से जनपद की तहसील कायमगंज के 55, अमृतपुर के 35 और सदर तहसील के छह गांव प्रभावित हैं। गंगा व रामगंगा की बाढ़ से जनपद 4400 हेक्टेयर क्षेत्रफल जलमग्न है और लगभग 1.02 लाख आबादी बाढ़ से पीड़ित है। उन्होंने बताया कि ग्रामीणों के आवागमन के लिए बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों 114 नावें संचालित हैं।