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    नशा, रफ्तार, अनियंत्रित ट्रैफिक बढ़ा रहे हादसे

    By JagranEdited By:
    Updated: Tue, 24 Nov 2020 10:36 PM (IST)

    जागरण संवाददाता फर्रुखाबाद सड़कों पर वाहनों का दबाव दिनों दिन बढ़ रहा है लेकिन याताय

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    नशा, रफ्तार, अनियंत्रित ट्रैफिक बढ़ा रहे हादसे

    जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : सड़कों पर वाहनों का दबाव दिनों दिन बढ़ रहा है, लेकिन यातायात नियमों की परवाह किसी को नहीं है। वाहन दुर्घटनाओं के पीछे नशाखोरी, तेज रफ्तार, अनियंत्रित ट्रैफिक सबसे बड़ी वजह बन रहे हैं। वहीं गड्ढा युक्त सड़कों पर दौड़ते ओवरलोड वाहन भी आए दिन दुर्घटना का कारण बनते हैं। फुटपाथ पर वाहनों की पार्किंग भी जान जोखिम में डालती है।

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    प्रमुख मार्गों से लेकर शहर तक पार्किंग की व्यवस्था नहीं है। फुटपाथ पर ही वाहन खड़े होते हैं। जिससे मजबूरन पैदल यात्री सड़क पर चलते हैं और फर्राटा भर रहे वाहनों की चपेट में आ जाते हैं। नशे में वाहन चलाना दंडनीय अपराध जरूर है, लेकिन इस नियम का पालन कराने के लिए हकीकत में कोई व्यवस्था लागू नहीं है। रोडवेज में चालकों के नशे की चेकिग कराने के आदेश हैं, लेकिन चेकिग होती नहीं है। सरकारी वाहन चालकों के भी शराब पीकर वाहन चलाने की शिकायतें आए दिन सामने आती हैं, लेकिन सरकारी विभागों में भी नशा चेकिग की कोई व्यवस्था नहीं है। हाल ही में रोडवेज की दो बसें दुर्घटनाग्रस्त हुईं। जिसमें चालकों की लापरवाही सामने आई, लेकिन मेडिकल परीक्षण न कराए जाने से चालकों को क्लीनचिट मिल गई। फुटपाथ पर जगह-जगह वाहन खड़े दिखाई देते हैं। पिछले दिनों हुई दुर्घटनाओं पर गौर करें तो रफ्तार भी बड़ी वजह मानी गई। सड़क पर इस कदर वाहन फर्राटा भरते हैं कि चालक नियंत्रण खो बैठते हैं। बरेली हाईवे पर कई जगह खतरनाक गड्ढे हैं। रफ्तार से जा रहे वाहन गड्ढों में फंसकर दुर्घटनाग्रस्त हो जाते हैं। बाइक व अन्य वाहनों के इंजन का उपयोग कर बनाई जुगाड़ गाड़ी से लोडिग की जाती है। ओवरलोडिग में 1160 वाहनों पर हुई कार्रवाई

    तेज रफ्तार से दौड़ते ओवरलोडेड वाहन भी दुर्घटना का कारण बनते हैं। सहायक संभागीय परिवहन कार्यालय की ओर से जनवरी से अब तक 1160 ओवरलोड वाहनों के खिलाफ कार्रवाई की गई, इसके बावजूद बड़ी संख्या में ओवरलोड वाहन सड़कों पर फर्राटा भरते देखे जाते हैं। शहर व ग्रामीण क्षेत्रों में ठेकेदार, आढ़ती व भट्ठा संचालकों के ओवरलोड वाहनों से आए दिन दुर्घटनाएं होती हैं। वहीं खनन माफिया के अनियंत्रित वाहन भी लोगों की जान पर भारी पड़ रहे हैं। सभी संचालकों ने बड़े-बड़े ट्रैक्टर ट्राला व ट्रालियां बनवा रखी हैं। जिनका एआरटीओ कार्यालय कृषि कार्य में पंजीकरण है। कामर्शियल पंजीकरण न होने से विभाग को प्रतिवर्ष लाखों रुपये राजस्व के नुकसान के साथ ही हादसा होने पर शांति व्यवस्था भी प्रभावित होती है। खनन माफिया के अनियंत्रित ट्रैक्टर ले रहे जान

    - 20 नवंबर को जनपद बदायूं थाना उसैत के गांव कटरा शहादतगंज निवासी सत्यपाल के पांच वर्षीय पुत्र शिवम की याकूतगंज कस्बा में खनन कर मिट्टी ले जाने से तेज रफ्तार ट्रैक्टर ट्राली से कुचलकर मौत हो गई।

    - 22 नवंबर को फतेहगढ़ की गुंजन बिहार कालोनी निवासी बीएएमएस छात्र उज्ज्वल उर्फ शिवम राजपूत की गोलभट्ठा के निकट खनन माफिया की ट्रैक्टर ट्राली की टक्कर से मौत हो गई। ओवरलोडेड व अमानक वाहनों के खिलाफ विभाग की ओर से लगातार अभियान चलाया जाता है। पकड़े जाने पर कार्रवाई भी की जाती है। भट्ठा संचालक, ठेकेदार व आढ़तियों को कई बार नोटिस भेजकर ट्रैक्टर ट्रॉलियों का कामर्शियल में पंजीकरण कराने को कहा गया, लेकिन किसी ने भी पंजीकरण नहीं कराया। सभी ट्रालियां अवैध रूप से संचालित हो रही हैं। उन्होंने बताया कि जनवरी से अब तक 160 ट्रैक्टर ट्रॉलियों को सीज किया गया। कोहरा व धुंध को देखते हुए चेकिग अभियान तेज किया गया है।

    - शांतिभूषण पांडेय, एआरटीओ।